तेज पत्ता खाने के फायदे ही फायदे
तेज पत्ता की खेती सर्वाधिक रूप से उत्तरी भारत में की जाती है इसके पत्तों में विशेष प्रकार की रेखाएं उभरी हुयी प्रतीत होतीं हैं। इसके पत्तों से बहुत ही बढ़िया सुगंध निकलती है। वैसे तो इसके पेड़ हर जगह पाए जाते हैं लेकिन जो पहाड़ी इलाकों में पाए जाने वाले तेज पत्ता के पेड़ होते हैं उनमें ज्यादा खुश्बू निकलती है। तेज पत्ता की तासीर तीक्ष्ण और गर्म होती है। इसे ज्यादातर मशाले के रूप में हर जगह उपयोग किया जाता है लेकिन तेज पत्ता के उपयोग से कई तरह के रोगों का घरेलू इलाज भी किया जाता है क्योंकि इसमें चमत्कारिक औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसे अंग्रेजी में Bay leaf कहा जाता है।

तेज पत्ता के लाभ एवं घरेलू नुस्खे:
जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया है कि तेज पत्ता का उपयोग कई प्रकार के रोगों को नष्ट करने में किया जाता है लेकिन इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को होती है जैसे नेत्र रोग, सफेद दाग, खाँसी जुकाम, सिर दर्द, दाँतों के रोग इत्यादि।
सिर दर्द –
तेजपात को पानी में पीस लीजिये और फिर उसे गर्म करके उसका माथे पर लेप कर लीजिये ऐसा करने से सिर दर्द की प्रॉब्लम समाप्त हो जाती है।
तेज पत्ता को बिल्कुल बारीक पीसकर सुरमे के जैसा चूर्ण बनाकर रख लीजिये और इसे आँखों में लगाने से कम दिखाई देना, धुंधला दिखाई देना, आँखों में फुली होना इत्यादि रोग नष्ट हो जाते हैं।
सफेद दाग –
मैनसिल, काली मिर्च, कसीस तथा तेजपात इन चारों को समान मात्रा में लेकर सरसों के तेल में अच्छी तरह घोंट लें। फिर उसे एक हफ्ते तक ताँबे के बर्तन में रख दीजिये। इसके बाद प्रतिदिन इसका लेप करने से और उसके बाद एक गिलास दूध पीने से 30-45 दिनों में सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।
खाँसी जुकाम –
तेज पत्ता ट्री की छाल एवं छोटी पीपल दोनों का चूर्ण बनाकर आपस में मिला लीजिये। इसका सेवन प्रतिदिन शहद के साथ करने से खाँसी जुकाम ठीक हो जाता है और कफ बनना भी बंद हो जाता है।
दांतों के रोग –
सूखे हुए तेजपात को पीसकर चूर्ण बनाकर रख लीजिये अब सुबह शाम दोनों टाइम इसका मंजन ऊँगली से करने से दांतों का मैलापन खत्म हो जाता है और दांत चमकदार हो जाते हैं।
रक्तस्त्राव –
नाक, मुँह, मूत्र या मलद्वार से खून के बहने पर एक चम्मच तेज पत्ता पाउडर को एक गिलास ठंडे पानी में मिलाकर दिन में दो तीन बार 3-4 घंटे के अंतराल से पीने से रक्स्त्राव पूरी तरह बंद हो जाता है।