इन्सान के शरीर में पेट ही एक महत्वपूर्ण भाग होता है जिसमें जरा सी भी खराबी आने पर प्रॉब्लम खड़ी हो जाती है जैसे पतले दस्त होना। जब कोई व्यक्ति यदि बार बार शौचालय जाये और मल त्याग करते वक्त बहुत ही पतला बिल्कुल पानी की तरह मल निकले तो इसे दस्त या डायरिया रोग कहते हैं। कभी कभी मल की गाँठों के साथ पानी सा निकलता है, किसी किसी व्यक्ति के पेट में बहुत तेज दर्द के साथ गुड़ गुड़ की आवाजें आतीं हैं जिसके बाद शौचालय जाना पड़ता है ये सब दस्त रोग के लक्षण होते हैं।
दस्त क्या है ? इस स्थिति में मरीज को बहुत पतले दस्त आते हैं, मल एकदम बंधा हुआ नहीं आता है, मरीज को दिन एक बार नहीं बल्कि कई बार मल त्याग करता रहता है जिसमें बिल्कुल पानी की तरह मल निकलता है। ज्यादतर व्यक्तियों में देखा गया है कि जब उन्हें डायरिया रोग होता है तो पेट में बहुत तेज खलबलाहट के साथ गुड़गुड़ाने की आवाजें आतीं हैं।
जब आदमी लेट्रिंग करने के लिए जाता है तो मल की मात्रा से कहीं ज्यादा पानी की मात्रा निकलती है, लेकिन कभी कभी पतले दस्त के साथ गठीला मल भी निकलता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को जब पाद आती है तो पेट गैस (अपान वायु) निकलने के साथ साथ मल भी निकल जाता है।
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डायरिया रोग या दस्त के कारण :
किसी भी व्यक्ति को दस्त लगने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन में आपको कुछ प्रमुख कारणों के बारे में बता रहा हूँ जिनको सर्वाधिक देखा जाता है।
- जब व्यक्ति के पेट में कब्ज की सिकायत होती है तो इस तरह की परेशानी होना शुरु हो जाती है। कब्ज को हम अपच और अजीर्ण भी कहते हैं।
- इस रोग में आँतों में सूजन आ जाने की वजह से वो सही से काम करना बंद कर देतीं हैं जिसकी वजह से इस तरह की प्रॉब्लम उत्पन्न होने लगती है।
- यदि भोजन सामग्री के साथ कोई जहरीला पदार्थ पेट में चले जाने से भी इस तरह की तकलीफ होना स्टार्ट हो जाती है।
- यदि कोई व्यक्ति दूषित भोजन का सेवन कर लेता है तब भी ऐसी समस्या सामने आ जाती है।
- जब आप खाना खा रहे हों और खाने के साथ अंजाने में कोई मख्खी या कोई अन्य जीवजन्तु निगलने से भी डायरिया का सामना करना पड़ता है।
- गर्मी के सीजन में यदि किसी व्यक्ति को लू लग जाये तब भी लूस मोशन होना स्टार्ट हो जाते हैं।
- यदि कोई व्यक्ति किसी दवा का सेवन करता है और वो उसके अनुकूल असर देने की जगह प्रतिकूल असर देती है तो दस्त होने की समस्या हो सकती है।
- यदि कोई व्यक्ति दूषित जल का सेवन कर लेता है तो उसे डायरिया होने के चांस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।
- कभी कभी वायु प्रदूषण और ऋतु परिवर्तन के कारण भी इस रोग से दो चार होना पड़ता है।
- यदि किसी को टायफाइड की सिकायत हो तो इसकी वजह से उसे दस्त भी हो सकते हैं।
- यदि किसी व्यक्ति को आँतों की टी. बी. हो जाये तो उसे इस समस्या का भी सामना करना पड़ता है।
- किसी व्यक्ति को यदि हैजा की बीमारी हो जाये तो उसे भी पतले दस्त होना स्टार्ट हो जाते हैं।
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डायरिया या दस्त के लक्षण :
जैसे कि अन्य रोगों को पहचानने के लिए उनके अलग अलग लक्षण होते हैं वैसे ही इस रोग के कुछ लक्षण होते हैं जिनके द्वारा इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। तो अब में आपको दस्त के रोगी में सर्वाधिक पाए जाने वाले प्रमुख लक्षणों के बारे में बता देते हैं।
- मल त्याग करते समय मल के साथ साथ पानी पानी सा निकलता है या इसे अन्य शब्दों में कहें तो बहुत ही पतला मल बाहर निकलता है और बार बार शौचालय का प्रयोग करना पड़ता है।
- पेट में दर्द होने के साथ गुड़ गुड़ की आवाजें आतीं है जिसके बाद व्यक्ति को मल त्याग करने के लिए शौचालय जाना पड़ता और ये प्रक्रिया बार बार रिपीट होती रहती है।
- पाद के साथ पेट की गैस बाहर निकलते समय अनचाहे मल भी बाहर आ जाता है।
- पतले दस्त को हम अतिसार भी कहते हैं, इसमें बार बार मल त्याग करने से शरीर में बहुत ज्यादा पानी की कमी आ जाती है जिसकी वजह से रोगी अपने हाथ पैरों में भारी कमजोरी महसूस करने लगता है।
- शरीर में पानी की कमी आने के कारण व्यक्ति को खड़े होने में चक्कर आने लगते हैं और उसका मन सिर्फ बिस्तर पर लेते रहने का ही बना रहता है।
- जिस व्यक्ति को पतले दस्त अत्यधिक हो जाते हैं तो उसके शरीर में पानी की कमी आने की वजह से उसके मुँह में थूँक बनना कम हो जाता है और गला सूखने लगता है जिसकी वजह से मरीज बार बार पानी पीता रहता है और जितनी बार वो पानी पीता है उतनी ही बार उसे मल त्याग करने के लिए शौचालय का प्रयोग करना पड़ता है।
- इस तरह के रोगी की त्वचा पर झुर्रियाँ पड़ जातीं हैं और आँखे अंदर की तरफ धँसी हुयी नजर आने लगतीं हैं।
- डायरिया की वजह से जब शरीर में पानी की कमी आ जाती है तो मरीज को बैचैनी, हाथ पैरों में दर्द, बार बार उल्टी और दस्त होना, हाथ पैर एकदम ढीले पड़ जाना, बहुत ज्यादा पसीना आना, दिल की धड़कन बढ़ जाना, ब्लड प्रेसर कम हो जाना और पेसाब बहुत ही कम आना इस तरह की समस्याएँ आने लगतीं हैं।
- अक्सर देखा गया है कि बहुत से लोग दस्त की अंग्रेजी दवा का सेवन कर लेते जिसकी वजह से मल त्याग एक दम से बंद हो जाता है, ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए नहीं तो आँतों में मल चिपककर आँतों की दीवारों को आने वाले समय में बहुत ज्यादा क्षतिग्रस्त कर सकता है।
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डायरिया रोग या दस्त में क्या खाना चाहिए ?
जिस तरह इसका इलाज जरुरी है ठीक उसी प्रकार इस रोग में परहेज होना बहुत ज्यादा जरुरी रहता है तभी इस पर जल्दी कण्ट्रोल पाया जा सकता है। अब में आपको ये बताने जा रहा हूँ कि डायरिया के मरीज को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
- जब दस्त लग रहे हों तो रोगी को पूरी तरह से खाना खाना बंद कर देना चाहिए। इसके अलावा हमें कोई भी ऐसी चीज नहीं खानी चाहिए जिससे पाचन तंत्र पर अत्यधिक लोड पड़े या पेट के सिस्टम को ज्यादा वर्क करना पड़े इस तरह का कुछ भी खाना पूर्णतः वर्जित होता है।
- जब तक मरीज के दस्त पूरी तरह से ठीक ना हो जाएँ और रोगी को अच्छे से भूख ना लगे तब तक भोजन का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- यदि मरीज को प्यास लगे, खाने का कुछ मन करे और कमजोरी का सामना कर रहा हो तो उसे पानी में थोड़ा सा शहद मिलाकर सेवन करना चाहिए।
- यदि आप चाहें तो नीबू और ग्लूकोज वाला पानी भी सेवन कर सकते हैं इससे भी पानी की कमी दूर होती है।
- यदि मरीज को भूख लगे तो उसे मुरमुरे या लाई का सेवन करना चाहिए इससे पाचन तन्त्र को कोई नुकसान नहीं होता है।
- आधा गिलास दूध में इतना ही पानी मिलाकर उसमें अदरक या सोंठ और थोड़ी सी शक्कर मिलाकर काढ़ा बनाकर सेवन किया जा सकता है।
- यदि मरीज को अच्छी भूख लगे तो एक रोटी पतली सिकी हुयी रोटी खा सकते हैं।
- यदि रोगी के दस्त बंद हो जाएँ तो उसके बाद भी कुछ दिन तक सिर्फ हल्का आहार ही लेना चाहिए जिससे पाचन तंत्र पर अतिरिक्त बोझ ना पड़े।
- रोगी को भूख और प्यास लगने पर छाछ सेवन करना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे छाछ में सेंधा नमक, पिसा हुआ थोड़ा जीरा और धनिया पाउडर मिलाकर पीना चाहिए
डायरिया या दस्त रोकने की दवा :
[quote]बहुत से लोगों को जब इस रोग की सिकायत होती है तो वो सबसे पहले दस्त की गोली का इस्तेमाल कर लेते हैं जिससे एकाएक दस्त बंद हो जाते हैं लेकिन ये शरीर के लिए बहुत खतरनाक भी हो सकता है जिसके बारे में आपको ऊपर बता चुका हूँ इसलिए हमेशा ऐसे मरीज को घरेलू उपायों का प्रयोग करना चाहिए जिनसे कोई नुकसान भी नहीं होता और समस्या का समाधान भी आराम से हो जाता है।[/quote]
[quote]आधा चम्मच सोंठ का चूर्ण को एक गिलास छाछ या पानी में मिलाकर दिन में तीन से चार बार पीना चाहिए, इससे रोगी की दस्त की समस्या जल्दी खत्म हो जाती है।
150 ग्राम चावल लीजिये और इन्हें दो से तीन घंटों के लिए पानी में भिगोने के लिए छोड़ दीजिये फिर मसलकर किसी कपड़े से छान लीजिये इस छने हुए पानी का सेवन दिन में दो तीन बार कीजिये तुरन्त दस्त की प्रॉब्लम ठीक हो जाएगी।[/quote]
[quote]50 ग्राम अनार के छिलकों को लीजिये अब इन्हें 750 मिलीलीटर दूध में अच्छे से उबाल लीजिये और जब 200 ml के आसपास दूध रह जाये तो उसे छानकर सेवन कीजिये। इस प्रयोग को 2-3 दिनों तक लगातार करना है वैसे रोग तो पहले ही दिन ठीक हो जायेगा।[/quote]
[quote]50 ग्राम अनार के छिलके लीजिये और इन्हें पानी में उबालकर काढ़ा बना लीजिए। अब इसी तरह 50 ग्राम इन्द्र जौ का अलग से काढ़ा बनाइये। अब इन दोनों को आपस में मिलाकर देर तक उबाल लीजिये जा मिश्रण गाढ़ा हो जाये तो इसे ठंडा कर लीजिये। अब इस काढ़े को एक चम्मच के हिसाब से एक गिलास छाछ के साथ दिन में दो बार सेवन कीजिये इससे पतले दस्त जल्दी ठीक हो जायेंगे।[/quote]
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तो ये कुछ दस्त लगने के उपाय हैं जिन्हें आप आसानी से घर पर प्रयोग करके लूस मोशन या पतले दस्त को जड़ से समाप्त कर सकते हैं। यदि फिर भी समस्या का समाधान ना हो तो किसी अच्छे चिकित्सक से परामर्श करना जरुरी हो जाता है।
Dr shab mere ghar wali 4 din se dast se preshaan h aur admit ki h lekin koi aaram nahi ho rha 5-5 min me letring aati h 17 glucose bhi chda Di doctor ne pls btaao me kya kru
डिअर, आपको अपनी पत्नी को किसी बड़े डॉक्टर या हॉस्पिटल में ले जाना चाहिए क्योंकि इतने समय में यदि दस्त कण्ट्रोल नहीं हुए हैं तो इसकी वजह से लीवर में इन्फेक्शन की समस्या हो सकती है इसलिए किसी स्पेसिलिस्ट को तुरंत परामर्श कीजिये.
हमें कल से 6बार दस्त हो गया है कोई घरेलू उपाय बताओ रात 🌃 में डाक्टर के पास जा नहीं सकता
दस्त के घरेलू इलाज के बारे में मैंने जानकारी दी हुई है आप उन्हें अच्छे से पढ़ लीजिये.
डॉक्टर साहब मुझे कुछ समय पहले बवासीर का शिकायत हो गया था तो मैंने दवाई ली बवासीर तो ठीक हो गया मगर मेरे को पानी जैसा दस्त हो रहा है इसके लिए बार-बार लैट्रिन जाना नहीं पड़ रहा है वैसी ही बैठे बैठे ही अपने आप निकल रहे हैं पानी की तरह कृपया इसका कुछ उपाय बताएं यह तकरीबन 15 दिन हो गया
ऐसी स्थिति में आपको जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी किसी नजदीकी डॉक्टर से परामर्श करके निदान के बारे में प्रयास करना अतिउत्तम रहेगा.
सर मेरे को ना कुछ समय पहले बाबासीर हो गया था इसके लिए हमें दवाई लिया और ठीक हो गया मगर मेरे को बार-बार दस्त हो रहा है पानी की तरह इसके लिए बार बार लैट्रिन जाना नहीं पड़ता बस ऐसे ही बैठे बैठे पानी की तरह निकल रहा है क्या करूं
सर मेरे पति को कल से लेकर पतले पानी की तरह दस्त हो रे है। दवाई बी ली पर कोई फर्क नही पीडीए तो ऐसे म क्या करे
Muje loose motion do teen dino se hai ab thoda aram hai par fir bhi pet thik nhi hai
Sir Muje bar bar loose motion lag jate h kuch b khane ke bad latrin ka pressure ban jata h
ऐसा तभी होता है जब कोई आदमी समय समय पर नियमित रूप से खाना का सेवन नहीं करता है, क्योंकि ऐसी स्थिति में आँतों में संकुचन पैदा होकर वो सिकुड़ने लगतीं है और कुछ भी खाने पर दस्त जैसी समस्या होने लगती है इसलिए नियमित रूप से समय पर भोजन करना स्टार्ट कर दीजिये आपकी प्रॉब्लम ख़त्म हो जाएगी.
Meri Biwi ko 5 saal se dost ho rahe hain aur Pairo me Dard rehta hai ghar par koi ilaj Bataye doctor ko dikhaya lekin Koi ilaj nahi hua
Yadi itne lambe samay se loose motion ki problem hai to aapko kisi MBBS doctor se turant salah lena bahut jyada jaruri hai.
Sir ji Mujhe 3 din se looze motion ho raha, continue medicine le raha hu aaram nahi lag raha kab tak aaram sir ji Please
मेरी मम्मी को काफी दिनों से दस्त की समस्या है पेट मे गुड की आवाज भी होता है यह समस्या की मे काफी चाज कर के दवा ले ली लेकिन पूर्ण रूप से आराम नही मीला अगर आप के पास कोई हो तो सला दो
Sir mujhe humesa hi mal patle ki shikayat rehti hai pr me bar bar nhi jata par jab bhi jata hu patla mal hi pata hu help kijiye