दांत का कीड़ा ऐसे निकाले चुटकियों में
दांतों के रोग में से दांत में कीड़ा लगना एक बहुत ही प्रचलित रोग है जिसके सबसे ज्यादा बच्चे शिकार होते हैं क्योंकि जिन बच्चो को मीठा खाना ज्यादा पसंद होता है वो चॉकलेट जैसी चीजें खाते रहते हैं जिसकी वजह से उनके दांतों में कैविटी उत्पन्न हो जाती है। लेकिन आज के समय में युवा वर्ग भी इस दंत रोग से पीड़ित है जिसका मुख्य कारण है दांतों की सफाई नियमित रूप से ना होना। किसी भीव्यक्ति के दांतों में कीड़ा लगने पर वो दांत खोखला होता चला जाता है जिसे Caries रोग भी कहा जाता है और दाढ़ के खोखले स्थान को कैविटी कहा जाता है।

जब हम अपने दाँतों को समय समय पर साफ नहीं कर पाते तो जो खाने के कड़ होते हैं वो दाँतों के बीच फँसे रहते हैं जिसकी वजह से कीटाणु पैदा हो जाते हैं और यही कीटाणु हमारे दांत के तने में प्रवेश हो जाते हैं जहाँ वो अपनी संख्या में इजाफा करते हुए गंभीर संक्रमण पैदा करने लगते हैं।
यही कीटाणु दाढ़ को खोखला करना स्टार्ट कर देते हैं जिसके बाद सड़न पैदा हो जाती है जिसकी वजह से व्यक्ति को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। जिस व्यक्ति के दांत में कीड़ा लगा होता है उसे दाँत मे पानी लगना या दांतों में ठंडा गरम लगना स्टार्ट हो जाता है।
दाँत मे कीडा लगने के प्रमुख कारण:
- प्रतिदिन सुबह शाम दाँतों की गंदगी को साफ न करना।
- रात्रि के भोजन उपरांत अच्छे से कुल्ला न करना।
- रात में भोजन करने के बाद बिना ब्रस किये सो जाना।
- अत्यधिक मात्रा में मीठा खाते रहना।
- बाजारू खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन करना।
दांत के कीड़े की पहचान :
जब किसी व्यक्ति के दांत या दाढ़ में कीड़ा होता है तो वह धीरे धीरे गलना स्टार्ट हो जाती है और अंत में वह स्वयं छोटे छोटे टुकड़े के रूप में गलकर निकल जाती है।
कुछ लोग दांत दर्द को बार बार सहन न करना पड़े इससे छुटकारा पाने के लिए किसी डॉक्टर के पास जाकर उस दाढ़ को निकलवा देते हैं।
जो लोग दांत के कीड़े से परेसान होते हैं उन्हें कुछ दिन के अन्तराल से दांत का दर्द होता है जिसकी वजह से रोगी अत्यंत बैचैन हो जाता है।
इस तरह के रोगी के मुँह से दुर्गन्ध आना शुरू हो जाती है जो अन्य दाँतों में संक्रमण होने के खतरे की तरफ एक संकेत होती है।
दांत के खोल में यदि खाने का एक कड़ भी चला जाये तो असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है।
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दांत दर्द के लिए घरेलू उपचार (cavity in teeth home remedies in hindi):
लोंग के तेल में थोड़ा सा कपूर मिला लीजिये और एक छोटे से रुई के टुकड़े को इस मिश्रण में भिगोकर दिन में तीन बार उस खोखले दांत में भर दीजिये, इससे रोगी को बहुत जल्दी आराम मिल जायेगा।
प्याज का एक छोटा सा टुकड़ा लीजिये और जिस दांत पर दर्द हो रहा हो उसी से चबाने की कोशिश कीजिये और प्याज के रस को उस दांत के आसपास ही रखना है तुरन्त निगलना या थूकना नहीं है 4-5 मिनट के बाद थूँक सकते हैं।
एक गिलास पानी में एक चम्मच नमक मिलाकर गर्म कर लीजिये और अब इस हल्के गर्म रहने पर बार बार कुल्ला करने से भी कीड़े वाले दांत दर्द को आराम मिलता है।
थोड़ी सी हल्दी और थोड़ी सी भुनी हुयी फिटकरी दोनों को मिलाकर दाँतों पर ऊँगली से मंजन करने से भी दांत दर्द से आराम मिलता है इसे भी बढ़िया दांत दर्द की दवा माना जाता है।
8-10 कच्ची सुपारी गोल वाली लीजिये और इन्हें आग में जलाइए जब ये जलते हुए कोयले की तरह लाल दिखने लगें तो आग से बाहर निकालकर हल्का पानी छिड़कते हुए बुझा लीजिये अब इन्हें बारीक पीसकर पाउडर बना लीजिये और एक डिब्बी में भरकर रख लें। अब इस पाउडर को प्रतिदिन सुबह शाम ऊँगली से मंजन करें ये दांत सफेद करने के तरीके के रूप में प्रमुख रूप से जाना जाता है और पायरिया रोग जैसे गंभीर रोग से बचा जा सकता है।
दांतों से कैविटी कैसे हटाये आयुर्वेदिक इलाज :
जी टेक्स पाउडर (G. Tex Powder) – इसे योगी कंपनी का खरीद लें और सुबह शाम दाँत और मसूड़ों पर ऊँगली से मलें उसके बाद गरम पानी से मुँह को साफ करना है।
गमटोन (Gumtone) – इसे आप चरक कंपनी का खरीद लें और आधा चम्मच पाउडर की मात्रा लेकर सुबह शाम ऊँगली की सहायता से धीरे धीरे दाँतों और मसूड़ों पर मलिए इससे भी कीड़े वाले दांत में आराम मिलेगा।
इपीटोल (Epitol) – इसे आप PRL फार्मेसी कंपनी का लीजिये और 7-8 बूँद दवा को एक कप गुनगुने पानी में अच्छे से मिलाकर दिन में 3-4 बार कुल्ला कीजिये इससे कीड़े वाले दांत में जल्दी आराम मिलेगा।
ओरोफ्रेश टेबलेट (Orofresh tab.) – इसे मूनीयल कंपनी द्वारा निर्मित किया जाता है। इसकी एक टेबलेट को पीसकर पाउडर बना लें और फिर ऊँगली से मंजन की तरह प्रयोग करें, ऐसा दिन में तीन बार करना है और हर एक समय एक टेबलेट का उपयोग करना है।
दांत के कीड़े को निकालने के लिए उपरोक्त दवायों का सेवन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि एक समय में सिर्फ किसी एक ही दवा का प्रयोग करना है एक साथ सभी दवायों का प्रयोग भूलकर भी नहीं करना है।