पेट के कीड़े मारने की अचूक दवा
पेट के कीड़े पड़ जाने को हम कृमि रोग भी कहते हैं। यह रोग महिला, पुरुष, बच्चों और बुजुर्गों सबको होता है। लेकिन विशेषज्ञों की एक सर्वे के अनुसार सबसे ज्यादा यह रोग बच्चों को होता है। हर किसी की आँतों में कई प्रकार के पेट के कीड़े होते हैं जो बीमारियाँ उत्पन्न करते हैं। जो कीड़े आकार में बड़े होते हैं वो कभी कभी मल त्याग करते समय दिखाई दे जाते हैं। जो कीड़े कभी कभी मल में दिखाई देते हैं वो केंचुआ, सूत्र कृमि (Auspicious) और फीता कृमि (Lace worm) होते हैं। इसके अलावा विष कृमि (Venom worm) और अंकुश कृमि (Curb worm) आहार वाली आंत में बहुत ज्यादा संख्या में हो सकते हैं लेकिन ये मल में दिखाई नहीं देते हैं।

आगे बढ़ने से पहले में यहाँ हम स्पष्ट कर देते हैं कि कृमि को कीड़ा कहा जाता है इसलिए कंफ्यूज होने की जरुरत बिल्कुल नहीं है। किसी भी बच्चे या बड़े स्त्री पुरुष के पेट में कीड़े होने के कुछ कारण होते हैं जिनके बारे में हम आपको आगे बताने जा रहे हैं।
पेट में कीड़े होने के कारण:
- यदि कोई बहुत ज्यादा नमक का प्रयोग करता है तो उसके पेट में कीड़े पड़ने की संभावनाएँ प्रवल हो जातीं हैं।
- जो लोग दूषित वातावरण में रहते हैं उन्हें भी ऐसी समस्या हो जाती है।
- जो लोग दूषित आहार का सेवन करते हैं उन्हें इस तरह की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है।
- जो व्यक्ति या बच्चे अशुद्ध पानी का सेवन करते हैं उनमें अक्सर यह समस्या देखने को मिलती है।
- जो लोग अत्यधिक माँस मछली का सेवन करते हैं उनके पेट में कीड़े पड़ जाते हैं।
- यदि कोई अत्यधिक साग सब्जियों का सेवन करता है तो उसे भी ये परेशानी हो जाती है।
- ऐसे खाद्य पदार्थ जिनके द्वारा कफ एवं अम्ल रस ज्यादा उत्पन्न होता है इनके अत्यधिक सेवन करने से भी ये समस्या उत्पन्न होती है।
- खट्टे पदार्थ और उड़द का अत्यधिक सेवन करना पेट के कीड़ों को निमंत्रण देता है।
- जो लोग बाजार से फल और सब्जियाँ ले जाकर स्वच्छ पानी से धोये बिना सेवन करते हैं उनके पेट में कीड़े पड़ जाते हैं।
- कुछ लोग अत्यधिक मात्रा में लगातार कच्ची सब्जियों का सेवन करते हैं उन्हें भी ये समस्या हो जाती है।
- कुछ लोग अत्यधिक पके हुए फल का सेवन करते हैं उनके भी पेट में कीड़े पड़ने का कारण अत्यधिक पके हुए फलों का सेवन करना होता है।
- सर्वाधिक रूप से मीठे पदार्थ का लगातार सेवन करना भी इस बीमारी को निमंत्रण देता है।
- जो व्यक्ति खाली पेट सुबह के समय ज्यादा पके हुए केलों का सेवन करता है उसे ऐसी समस्या हो जाती है।
- जो बच्चे या बड़े मिट्टी, पत्थर का सेवन करते हैं उनके पेट में कीड़े सर्वाधिक रूप से देखे जाते हैं।
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पेट के कीड़े या कृमि रोग के लक्षण:
ये सवाल आपके मन में जरुर आया होगा कि आखिर पेट के कीड़े कैसे होते हैं और इन्हें कैसे पहचाना जा सकता है या कैसे व्यक्ति को कैसे पता लगेगा कि उसके पेट में कीड़े हो गए हैं ? इसलिए अब में आपको इस तरह के रोगी के पहचान के बारे में बता रहा हूँ –
- यदि किसी व्यक्ति के पेट में कीड़े हो जाते हैं तो उसके मल द्वार और नाक में खुजली होने लगती है, जी मिचलाने लगता है, पेट में थोड़ा थोड़ा दर्द रहता है।
- ऐसे मरीज को या तो बहुत कम भूख लगती है या फिर बहुत ज्यादा भूख लगना शुरु हो जाती है।
- इस तरह के रोगी को कब्ज की प्रॉब्लम होती है या बिल्कुल पतले दस्त लग जाते हैं और इसके साथ साथ उसके शरीर में खून की कमी और कमजोरी साफ नजर आने लगती है। जिसकी वजह से घबराहट और बैचैनी जैसी समस्या भी सामने प्रकट हो जाती है।
- बहुत से पेट के कीड़े वाले रोगियों को ज्यादातर अरुचि की समस्या देखने में आती है।
- यदि किसी बच्चे के पेट में कीड़े पड़ जाएँ तो वह रात के सोते समय अपने दांत किटकिटाता है। ऐसे बच्चे को ठीक से नींद भी नहीं आती है।
- ऐसे मरीज के मुँह से गंदी बदबू आती है और दुर्गन्ध युक्त डकारें भी आतीं हैं।
- ऐसे रोगियों में मिर्गी, हिस्टीरिया के लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।
- मरीज का चेहरा एक दम पीला पड़ जाता है और उसकी चमक पूरी तरह खत्म होती चली जाती है।
- जिन लोगों के पेट में कीड़े होते हैं उनके मुँह का स्वाद बिगड़ जाता है और गुदा में बार बार खुजली होती रहती है। ऐसे ज्यादतर रोगी नाक को खुजलाया करते हैं।
- ऐसा मरीज अपने नाखूनों को दाँतों से कुतरता रहता है, पेट में हल्का हल्का दर्द बना रहता है, उसके अन्दर चिड़चिड़ापन आ जाता है और वह ज्यादातर थूकता रहता है।
- यदि किसी नन्हे बच्चे के पेट में कीड़े पड़ जाते हैं तो वह बार बार लार टपकाता रहता है।
- यदि कोई व्यक्ति पेट के कीड़ों से ग्रसित होता है तो वो चर्म रोग का भी शिकार हो सकता है।
- यदि किसी स्त्री के पेट में कीड़े पड़ जाएँ तो उसके मलद्वार का संक्रमण उसकी योनि में लगकर उसके अन्दर प्रवेश कर जाता है जिसकी वजह से योनि में खुजली होना स्टार्ट हो जाती है।
पेट के कीड़े के प्रकार (Pet Ke Kide Kaise Hote Hai):
ये कीड़े व्यक्ति के पेट के अन्दर निम्न प्रकार के पाए जाते हैं –
केंचुआ जैसा (एस्केरिस) Ascaris –
इस पेट के कीड़े की लम्बाई 15-30 सेंटीमीटर तक होती है और इसका रंग सफेद या हल्का गुलाबी होता है। यदि किसी व्यक्ति की आँतों में इस तरह के कीड़े हों तो उसे बदहजमी की परेशानी के साथ साथ कमजोरी भी हो सकती है।
जिन लोगों के पेट में ज्यादा केंचुए होते हैं उनका पेट बहुत बड़ा हो जाता है। कभी कभी इस तरह के पेट के कीड़े होने पर दौरे, दमा अथवा आंत का अवरोध पैदा हो जाता है। ये कभी कभी व्यक्ति के अपेंडिक्स को भी बहुत बड़ी क्षति पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
ये वाले पेट के कीड़े मरीज के लीवर या छोटी आंत में पहुँचकर पेरीटोनाईटिस का भी कारण बन जाते हैं। जब बच्चे को बुखार हो तो ये केंचुए बच्चे के मल त्याग करने पर बाहर भी निकल आते हैं या रेंगते हुए नाक या मुँह से भी बाहर निकलने लगते हैं। कभी कभी ये पेट के कीड़े बच्चे की श्वास नली में भी चले जाते हैं जिसके कारण उसे स्वांस लेने में भी अवरोध पैदा हो जाता है।
सूत्र कृमि (पिन वार्म या थ्रेड वार्म) Pin worm or thread worm –
इन पेट के कीड़ों की लम्बाई लगभग एक सेंटीमीटर तक होती है और यह धागे के समान अत्यधिक पतले तथा सफेद रंग के होते हैं। ये कीड़े व्यक्ति के मल द्वार के बाहरी हिस्से पर हजारों की संख्या में अंडे देते हैं। इन्ही के कारण ज्यादातर रात को सोते समय गुदा में खुजली होती है।
जब बच्चा हाथ से मलद्वार को खुजलाता है तो वह अंडे उसके नाखूनों में चिपक जाते हैं और फिर ये बच्चे के भोजन के साथ मुँह में चले जाते हैं। ये वाले पेट के कीड़े खतरनाक नहीं होते हैं लेकिन इनकी वजह से बच्चे ठीक से सो नहीं पाते। यदि ये पेट के कीड़े किसी महिला के अन्दर हो जाते हैं तो वे उसकी अंडनाल में जाकर संक्रमण पैदा कर सकते हैं।
अंकुश कृमि Curb worm –
यदि इस पेट के कीड़े की लम्बाई की बात करें तो यह एक सेंटीमीटर लम्बा और लाल रंग का होता है, ये कीड़े मल में नहीं देखे जाते हैं इसके लिए मल की जाँच करवानी पड़ती है। इसे बचपन में होने वाले खतरनाक छूत के रोगों में से एक माना जाता है।
जिन बच्चों का रंग पीला है या उसे मिट्टी खाने की आदत है अथवा उसमें खून की कमी है उसमें इस तरह के पेट के कीड़े हो सकते हैं। इसलिए इसकी जाँच करने के लिए उसके मल का परीक्षण करवाना चाहिए।
जब यह कीड़े बच्चे के फेंफडों में पहुँच जाते हैं तब उसे सूखी खाँसी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। किसी किसी को खून वाली खाँसी भी हो जाती है। यदि ये पेट के कीड़े बहुत ज्यादा संख्या में किसी के अन्दर हों तो उसके शरीर में खून की कमी और कमजोरी की सिकायत जैसी समस्या हो जाती है। Curb worm नामक पेट के कीड़ों की एक और खासियत होती है कि ये बच्चे के नंगे पाँव के तलवों से उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
फीता कृमि (Lace worm) –
ये वाले पेट के कीड़े आँतों में कई मीटर लम्बाई तक बड़े हो जाते हैं लेकिन ये मल में दिखाई देने वाले इनके छोटे छोटे सफेद रंग के टुकड़े सिर्फ एक आध सेंटीमीटर लम्बे ही होते हैं। कभी कभी इन कीड़ों का एक टुकड़ा रेंगकर बाहर आ जाता है जिसे आतंरिक वस्त्रों में नगण्य आँखों से देखा जा सकता है। सूअर का माँस यदि अच्छी तरह पकाकर न खाया जाये तो व्यक्ति के पेट में Lace worm हो जाते हैं। इन पेट के कीड़ों की वजह से व्यक्ति के पेट में हल्का दर्द रहता है। यदि इनका लार्वा व्यक्ति के दिमाग में पहुँच जाये तो उसे सिर दर्द, बेहोसी के अलावा उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
पेट के कीड़े निकालने का तरीका (Pet Ke Kide Kaise Marte Hain):
जितना हो सके तीखे और कडवे पदार्थों का सेवन अत्यधिक मात्रा में कराने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं लेकिन इसके लिए बेहतर होगा कि आप मरीज को आटे में नमक और सोड़ा मिलाकर उसकी रोटी पकाकर खिलायें। इसके साथ साथ पुदीना और अदरक की चटनी में जीरा मिलाकर देने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं और मलत्याग के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।
जब यह कीड़े बच्चे के फेंफडों में पहुँच जाते हैं तब उसे सूखी खाँसी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। किसी किसी को खून वाली खाँसी भी हो जाती है। यदि ये पेट के कीड़े बहुत ज्यादा संख्या में किसी के अन्दर हों तो उसके शरीर में खून की कमी और कमजोरी की सिकायत जैसी समस्या हो जाती है। Curb worm नामक पेट के कीड़ों की एक और खासियत होती है कि ये बच्चे के नंगे पाँव के तलवों से उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
फीता कृमि (Lace worm) –
ये वाले पेट के कीड़े आँतों में कई मीटर लम्बाई तक बड़े हो जाते हैं लेकिन ये मल में दिखाई देने वाले इनके छोटे छोटे सफेद रंग के टुकड़े सिर्फ एक आध सेंटीमीटर लम्बे ही होते हैं। कभी कभी इन कीड़ों का एक टुकड़ा रेंगकर बाहर आ जाता है जिसे आतंरिक वस्त्रों में नगण्य आँखों से देखा जा सकता है। सूअर का माँस यदि अच्छी तरह पकाकर न खाया जाये तो व्यक्ति के पेट में Lace worm हो जाते हैं। इन पेट के कीड़ों की वजह से व्यक्ति के पेट में हल्का दर्द रहता है। यदि इनका लार्वा व्यक्ति के दिमाग में पहुँच जाये तो उसे सिर दर्द, बेहोसी के अलावा उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
पेट के कीड़े निकालने का तरीका (Pet Ke Kide Kaise Marte Hain):
जितना हो सके तीखे और कडवे पदार्थों का सेवन अत्यधिक मात्रा में कराने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं लेकिन इसके लिए बेहतर होगा कि आप मरीज को आटे में नमक और सोड़ा मिलाकर उसकी रोटी पकाकर खिलायें। इसके साथ साथ पुदीना और अदरक की चटनी में जीरा मिलाकर देने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं और मलत्याग के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।