पेट दर्द का रामबाण इलाज

पेट दर्द या पेट में मरोड़ होना एक साधारण समस्या होती है लेकिन रोगी इस प्रॉब्लम की वजह से बैचैन हो उठता है। कभी कभी इस प्रकार का दर्द अचानक होने लगता है जो बहुत तेज होता है और किसी किसी को हल्की हल्की मरोड़ होती रहती है। व्यक्ति के नाभि के चारों तरफ पेट दर्द होता है किसी किसी को यह दर्द रह रहकर या कुछ समय अंतराल के बाद होता रहता है जिससे रोगी परेशान हो जाता है। पेट में गुड़ गुड़ होती रहती है, कब्ज बनी रहती है खाना खाने का बिल्कुल मन नहीं करता है और कभी कभी रोगी को उल्टियाँ भी हो जातीं हैं।

पेट में दर्द होने के कारण एवं पेट दर्द का आयुर्वेदिक इलाज

पेट दर्द के कारण:

वैसे तो पेट में मरोड़ होने के बहुत से छोटे बड़े कारण होते हैं लेकिन जो कारण ज्यादातर देखने को मिलते हैं उनके बारे में जानकारी निम्न प्रकार है –

  • पेट में गैस उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थ जैसे चना, मटर, सेम तथा दलहन अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से मरोड़ होने लगती है।
  • अत्यधिक ठंडी या रखा हुआ बासा भोजन करने और कब्जियत की समस्या रहने से गैस का अवरोध के कारण भी इस तरह की प्रॉब्लम सामने आती है।
  • यदि किसी व्यक्ति के शरीर में वात वृद्धि हो जाये या उसमें विकार उत्पन्न हो जाये तब भी ये परेशानी होने लगती है।
  • महिलायों में मासिक धर्म के समय दर्द उनके गर्भाशय के अनियमित संकुचन की वजह से होने लगता है।
  • यदि किसी को मधुमेह या डायबिटीज की समस्या हो और उसका शुगर लेवल बढ़ जाये तो पेट का दर्द होने लगता है।
  • यदि पित्ताशय में पथरी हो या पित्त्वाहिनी में सूजन आ जाये तब पेट के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है।
  • बच्चों के पेट में कीड़े हो जाएँ तो उन्हें भी इस तरह की दर्द की समस्या से गुजरना पड़ता है।
  • आंत की भीतरी दीवारों में पाई जाने वाली माँसपेशियों में अत्यधिक खिंचाव पैदा हो जाये तो मरोड़ उठने लगती है।
  • पेचिश में बड़ी आंत के भीतर की दीवार में घाव होने पर भी संकुचन के कारण पेट में दर्द होने लगता है।
  • आंत में होने वाले फोड़े के फूट जाने से भी इस तरह की प्रॉब्लम उत्पन्न हो जाती है।
  • खाली पेट होने पर अत्यधिक वजन वाली वस्तु उठाने से भी पेट में मरोड़ होने लगती है।
  • पेट की गर्मी बढ़ जाने के कारण भी कभी कभी दर्द उत्पन्न हो जाता है।
  • यदि किसी व्यक्ति के पेट में अल्सर की सिकायत है तो ऐसी स्थिति में भी मरोड़ उठना लाजमी है।

तो इस तरह से आपने देखा कि पेट में दर्द के कारण बहुत से हो सकते हैं। अब में आपको इनके लक्षणों के बारे में भी जानकारी दे देता हूँ जिससे पहचानने में आसानी होगी।

पेट दर्द के लक्षण:

  • गैस के कारण उत्पन्न दर्द में गुड़गुडाहट होती है।
  • जब रोगी इस परेशानी से जूझ रहा होता है तब उसकी नाडी कमजोर हो जाती है और वह अस्त व्यस्त चलती हुयी प्रतीत होती है।
  • मरोड़ के कुछ रोगियों को उल्टियाँ होने लगतीं है या उनका जी मिचलाता रहता है
  • यदि पेट में अफारा हो तो बदबूदार गैस निकलती है तथा खट्टी डकारें आतीं रहतीं है
  • यदि रोगी के पेट को अच्छी तरह टटोल कर देखा जाये तो उसके पेट में गाँठें सी महशूश होतीं हैं।
  • आमाशय और आँतों का दर्द नाभि के चारों तरफ मरोड़ के जैसा उठता है। यह पीड़ा कभी कुछ सेकंड्स तक रहती है। कभी कभी दर्द कई कई घंटे तक होता रहता है।
  • ऐसे रोगी के पेट में मरोड़ रह रहकर उठती रहती है जिसमें कभी तो हल्की पीड़ा होती है तो कभी बहुत तेज।
  • ऐसा मरीज दर्द के मारे बैचैन रहता है कभी वो छटपटाता है तो कभी अपने हाथ पाँव पटकता है।
  • ऐसा रोगी अपने पेट को हाँथ से दबाये रखता है जिसमें उसे क्षणिक आराम महशूश होता है।
  • कुछ मरीज पेट दर्द के समय पेट को छूने भी नहीं देते।

पेट दर्द के रोगी के लिए जरुरी उपाय:

  • शादी, पार्टी या अन्य अवसरों पर बढ़िया और स्वादिष्ट भोजन ज्यादा खाने की वजह से पेट भारी हो जाता है ऐसे समय में एक समय का भोजन नहीं करना चाहिए। यह एक अत्यंत उपयोगी उपाय है या फिर एक दिन का उपवास भी रख सकते हैं। इससे पाचनतंत्र बिगड़ने या पेट दर्द का डर नहीं रहता है।
  • यदि बच्चे का पेट ढोल जैसा फूला हुआ तो समझ लेना चाहिए कि उसके पेट में अफारा की समस्या है। ऐसी स्थिति में हींग को गर्म पानी में भिगोकर नाभि के नीचे उसका मोटा लेप करें। इससे बच्चे की पेट की गैस तत्काल ही निकलने लगेगी और थोड़ी ही देर में उसका पेट दर्द खत्म हो जायेगा।
  • जब तक रोगी को पीड़ा रहे तब तक उसे कुछ भी खाने के लिए नहीं देना चाहिए।
  • ऐसे रोगी को पूर्णतः विश्राम करना चाहिए, दर्द कम होने पर मूँग या मसूर का रस दे सकते हैं।
  • ऐसे मरीज को यदि छाछ, नारियल पानी, छैना का रस इत्यादि तरल पदार्थों का सेवन करता है तो उसके लिए बहुत लाभदायक होता है।
  • ऐसे रोगी को नीबू पानी का सेवन करना भी हितकर होता है।
  • ऐसे व्यक्ति को दूध या दूध से बनी हुयी कोई भी चीज नहीं खानी चाहिए और न ही किसी तरह के गरिष्ठ आहार को लेना चाहिए।

पेट दर्द का घरेलू उपचार (Pet Dard Ka Gharelu ilaj):

एक काँच की बड़ी सी बोतल लीजिये और उसमें पानी गर्म करके भर लीजिये अब इस बोतल से अपने पेट की सिकाई कीजिये इससे मरोड़ में बहुत जल्दी आराम मिल जाता है।

हींग को गर्म पानी में घोल करके पेट पर लेप करते हुए उँगलियों की सहायता से धीरे धीरे मलें। इससे भी पेट की मरोड़ में बहुत जल्दी फायदा पहुँचता है।

लहसुन का रस नमक के साथ मिलाकर पिलाने से पेट दर्द की तकलीफ तुरंत ठीक हो जाती है इसके साथ साथ पेट गैस की समस्या भी समाप्त हो जाती है

अमरुद की कोमल पत्तियाँ पीसकर पानी में मिलाकर रोगी को पिलाने से पेट की मरोड़ में तुरंत आराम मिल जाता है।

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