बदहजमी और अपच के कारण लक्षण
आज के समय में सायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसे कभी अपच या बदहजमी की समस्या न हुयी हो। ये कोई खतरनाक बीमारी नहीं है बल्कि एक सामान्य सी समस्या है जो कभी भी किसी को भी हो सकती है। बदहजमी का अर्थ ये होता है कि यदि खायी हुयी चीज अच्छी तरह न पचे या हजम न हो तो उसे अपच या बदहजमी कहा जाता है। पेट के रोगों में इसे प्रमुख तौर पर देखा जाता है। विशेषज्ञों की एक सर्वे के अनुसार भारत में लगभग 89% लोगों को बदहजमी की समस्या से गुजरना पड़ता है।

बदहजमी के लक्षण:
जब किसी व्यक्ति को अपच की समस्या हो जाती है तो निम्नलिखित अपच के लक्षण दिखाई देते हैं –
- यदि किसी व्यक्ति को यह समस्या हो जाती है तो उसे भूख नहीं लगती और वो हमेशा बैचैन होते हुए पेट पर हाथ फेरता रहता है।
- ऐसे रोगी को बार बार खट्टी डकारें आतीं रहतीं हैं और उसकी छाती में जलन, सिर में भारीपन की सिकायत रहती है।
- जिसे बदहजमी की प्रॉब्लम होती है उसका जी मिचलाता रहता है और कई बार तो थोड़ी बहुत उल्टियाँ भी हो जातीं हैं।
- ऐसे रोगी का पेट फूल जाता है और कभी कभी मरीज को चक्कर भी आते रहते हैं। इतना ही नहीं ऐसे व्यक्ति के पेट में दर्द बना रहता है और कुछ भी खाने का मन नहीं करता है।
- ऐसे मरीज की दिल की धड़कन असमान्य हो जाती है और मुँह में बार बार पानी भर आता है।
- ऐसे व्यक्ति को कब्ज होने के कारण बदहजमी के पतले दस्त लगते रहते हैं और रह रहकर पेट में मरोड़ उठती रहती है।
- अपच के मरीज को कोई भी काम करने में मन नहीं लगता, यदि वो करने की कोशिश भी करे तो वो थोड़ी ही देर में थक जाता है।
- ऐसे रोगी का मन हमेशा भारी बना रहता है और आलस अपना डेरा जमाये रहता है। इसके साथ ही एक चीज ऐसे मरीजों में देखने को मिलती है कि उनकी जीभ पर मैल जमा हो जाता है।
- अपच का शिकार व्यक्ति बार बार थूकता रहता है और यदि रोग पुराना हो जाये तो पेट में गैस बनने लगती है।
बदहजमी के कारण:
वैसे तो अपच की समस्या के बहुत से कारण होते हैं लेकिन में यहाँ सिर्फ प्रमुख कारणों के बारे में उल्लेख करने जा रहा हूँ जो इस प्रकार हैं –
- यदि कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में गरिष्ठ भोजन का सेवन कर लेता है तो उसे बदहजमी की प्रॉब्लम होना लाजमी है।
- जो लोग भोजन का सेवन जल्दबाजी में करते हैं और आहार को अच्छी तरह चबाकर नहीं निगलते हैं उन्हें अपच की सिकायत का सामना करना पड़ता है। क्योंकि ये सबसे बड़ा बदहजमी का कारण होता है।
- जो व्यक्ति भोजन करते समय बीच बीच में पानी का सेवन करते हैं या भोजन करने के तुरंत बाद पेट भरकर पानी पीते हैं उन्हें बदहजमी की सिकायत सर्वाधिक होती है।
- ऐसे लोग जो अधिक मात्रा में शराब, गुटखा, तम्बाकू, चाय और कॉफी का सेवन करते हैं उन्हें भी अपच की सिकायत हो जाती है।
- भोजन की मात्रा लेने के अनुसार शारीरिक मेहनत न करने पर खाना हजम नहीं हो पाता जिसकी वजह से इस तरह की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
- यदि कोई व्यक्ति बिना नींद पूरी लिए रात्रि में किसी कार्य में व्यस्त रहता है तो सुबह उसका पेट साफ नहीं होता और उसे अपच जैसी प्रॉब्लम से गुजरना पड़ता है।
- जो लोग अपने खाने में खटाई का अधिक उपयोग करते हैं जैसे अचार इत्यादि तो ऐसे लोगों को भी बदहजमी की प्रॉब्लम से कभी कभी गुजरना पड़ता है।
- रात्रि के समय में खाना खाकर तुरंत बिस्तर पर जाकर सो जाने से भी अपच की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
- यदि कोई व्यक्ति अधिक चिंता, मानसिक तनाव, डर या भय इत्यादि से ग्रसित होता है तो उसे बदहजमी का सामना करना पड़ता है।
- जो लोग भोजन के समय पानी में बर्फ मिलाकर या बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीते हैं अथवा बहुत ज्यादा गर्म दूध का सेवन करते हैं उन्हें अपच रोग से ग्रसित होना पड़ता है।
- यदि कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में भोजन का सेवन करके तुरंत शारीरिक मेहनत या स्त्री प्रसंग में जुट जाता है तो उसे बदहजमी के साथ साथ अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बदहजमी के घरेलू उपाय:
में यहाँ पर आपको कुछ अपच के घरेलू उपाय बताने जा रहा हूँ जिन्हें आप आसनी से इस रोग को नष्ट करने के लिए बिना संकोच किये आजमा सकते हैं –
एक गिलास घड़े के पानी में एक नीबू काटकर कर निचोड़ लीजिये और उसमें स्वादानुसार काला नमक अच्छी तरह मिला लीजिये अब इसे तुरंत पी लीजिये। इसके बाद आपका पेट साफ हो जायेगा और सारी बदहजमी नष्ट होकर भूख लगने लगेगी।
सोंठ, गुड़ और हरण तीनों को बराबर मात्रा में लेकर आधा चम्मच भोजन करने के एक घंटे पहले सादा पानी से सेवन करना चाहिए। इसे भी सबसे अच्छी अपच की दवा के रूप में जाना जाता है।
एक गिलास गन्ने के रस में थोड़ा सा अदरक का रस और थोड़ा सा काला नमक मिलाकर सेवन करना चाहिए। इससे अपच की समस्या में तुरंत आराम मिल जाता है।
एक चम्मच नीबू का रस और थोड़ी सी मिश्री को एक गिलास पानी में अच्छी तरह मिलाकर सेवन करने से भी बदहजमी खत्म हो जाती है।
बदहजमी के रोगी का खान पान:
किसी भी रोग को पूरी तरह नष्ट करने के लिए आयुर्वेद में परहेज का बहुत बड़ा महत्व माना गया है इसलिए दवा के साथ अपच के रोगी को निम्न प्रकार का खान पान रखना बहुत जरुरी है –
- अपच के रोगी के लिए उपवास रखना बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है, हफ्ते में कम से कम एक दिन का उपवास जरुर रखना चाहिए।
- ऐसे मरीज को खाना खाने के साथ पुदीने की चटनी का सेवन करना बहुत लाभकारी होती है, इसके साथ साथ सिरके की चटनी और अदरक का मुरब्बा भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- अपच के मरीज को हरे नारियल का पानी, कच्ची गरी एवं कच्चे पपीते की सब्जी का सेवन करना अत्यधिक लाभकारी होता है।
- ऐसे रोगी को भोजन के समय अदरक के छोटे छोटे टुकड़े अलग रख लेना चाहिए और उनमें स्वादानुसार काला नमक लगाकर भोजन के बीच बीच में सलाद के रूप में चबाना चाहिए।