बिच्छू काटने पर तुरन्त ये कर लीजिये

बिच्छू जिसे हम अंग्रेजी में स्कोर्पियन Scorpion कहते हैं, ये एक ऐसा जीव होता है जो एक तरह से बिल्कुल केकड़े की तरह दिखाई देता है। ये जीव बहुत ही विषैला भी होता है जिसकी वजह से यदि ये किसी व्यक्ति को काट ले तो उसकी म्रत्यु तक हो जाती है। वैसे बिच्छू कभी काटता नहीं है बल्कि डंक मरता है क्योंकि डंक उसका अपनी रक्षा के लिए एक हथियार की तरह होता है जिसे वो समय आने पर उपयोग करने में देरी नहीं करता। हो सकता है आपने बिच्छू के बारे में कई बार पढ़ा हो लेकिन में आपको इसके बारे में कुछ अलग बताने की कोशिश करूँगा।

बिच्छू काटने के लक्षण एवं आयुर्वेदिक उपचार

जब कभी बिच्छू से किसी व्यक्ति से टच हो जाता है तो उसे लगता है कि कोई खतरा है और अपनी खुद की रक्षा करने के लिए वो अपनी डंक जो कि बहुत विषैली होती है उससे प्रहार कर देता है।

जिसकी वजह से व्यक्ति के शारीर में वो जहर फैलने लगता है और व्यक्ति को असहनीय पीड़ा होने लगती है जिसकी वजह से कुछ व्यक्ति बेहोश भी हो जाते हैं। इसकी डंक में जो विष होता है वो व्यक्ति के श्वसन और तंत्रिका तंत्र को बहुत बुरी तरह प्रभावित करता है। बिच्छू के डंक मारने को हम वृश्चिक दंस भी कहते हैं।

ज्यादातर देखा जाता है कि बिच्छू हमेशा गन्दी जगहों जैसे खेत, मिटटी के नीचे, ईंट, पत्थर और कूड़े करकट के ढेरों में में पाए जाते हैं जो रात के समय में अपने भोजन की तलास में बाहर निकलते हैं।

इस जीव का मुख्यतः भोजन अन्य छोटे छोटे कीड़े मकूड़े होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को बिच्छू काट ले तो उसके रक्त में विष शामिल हो जाता है जैसे कोई डॉक्टर इंजेक्शन लगाकर बीमारी ठीक करता है ठीक वैसे ही इसकी डंक से विष व्यक्ति के शरीर में रक्त के द्वारा प्रवाहित होने लगता है।

यदि कुछ विशेषज्ञों की मानें तो उनके कहना है कि बिच्छू की डंक में एक सर्प में पाए जाने वाले जहर से कहीं ज्यादा जहर पाया जाता है। कुछ बिच्छू की प्रजातियां ऐसी भी हमारे देश में पायीं जातीं हैं जिनमें बहुत ही ज्यादा जहर पाया जाता है और ऐसे बिच्छू यदि किसी आदमी को डंक मार दे तो कुछ ही समय बाद उसके शरीर का माँस गलकर स्वतः टपकने लगता है और ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति की मौत भी जल्दी हो जाती है।

बिच्छू काटने के लक्षण :

कई बार ऐसा होता है कि हमें मालूम ही नहीं चलता कि हमें किसी बिच्छू ने डंक मारा है और जब तक व्यक्ति समझ पाता है तब तक जहर पूरे शरीर में फैल जाता है जिसकी वजह से उसका इलाज सही समय पर नहीं हो पाता।

इसलिए अब में आपको कुछ ऐसी बातें बता रहा हूँ जिससे व्यक्ति को आसानी से समझ में आ सकता है कि उसे बिच्छू ने काटा है या नहीं, मतलब में आपको इसकी पहचान करने के लिए बिच्छू के डंक के लक्षणों के बारे में पता होना बहुत जरुरी है।

  • जब किसी व्यक्ति को बिच्छू डंक मारता है तो उस जगह पर बहुत तेज और अजीव प्रकार की पीड़ा होना स्टार्ट हो जाती है।
  • जहाँ डंक मारा हो वहां स्किन पर एक लाल कलर का घेरा सा बन जाता है और जो पीड़ा होती है वो व्यक्ति को ऐसी प्रतीत होती है जैसे डंक वाले स्थान से ऊपर की ओर फैलती जा रही हो।
  • जब बिच्छू काटता है तो काटने या डंक मारने वाली जगह पर व्यक्ति को ऐसा महशूस होता है जैसे किसी ने उस जगह पर जलता हुआ कोयला रख दिया हो।
  • डंक वाले स्थान की चमड़ी कुछ देर बाद काली पड़ने लगती है और आदमी को ऐसा लगता है जैसे उस जगह पर कोई नुकीली चीज बहुत जोर से चुभाई जा रही हो।
  • ऐसी स्थिति में व्यक्ति को पसीना आने लगता है और किसी किसी को सिर दर्द चक्कर और बुखार भी महशूस होता है।
  • बिच्छू के डंक मारने पर किसी किसी व्यक्ति को बेहोसी आ जाती है और किसी किसी को दौरा भी पड़ जाता है, मुँह से झाग निकलने लगता है और दंस वाली जगह 30 – 60 मिनट में सुन्न पड़ जाती है।
  • ज्यादा जहरीले बिच्छू के डंक मारने पर व्यक्ति के आँख, नाक एवं मुँह से काले रंग का खून झाग के साथ निकलने लगता है ऐसी परिस्थित में ज्यादातर व्यक्तियों की मौत हो जाती है।

बिच्छू काटने के घरेलू उपचार :

हो सकता है आपको बिच्छू काटने पर क्या लगाना चाहिए या बिच्छू काटने की देशी दवा के के बारे में पहले से पता हो, लेकिन में आपको कुछ ऐसे नुस्खों के बारे में बताने जा रहा हूँ जिन्हें आप खुद घर पर ही प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि इनमें जो चीजें उपयोग की जायेंगीं वो हर किसी के घर पर आसानी से मिल जातीं है।

यदि किसी व्यक्ति को बिच्छू डंक मार दे तो सबसे पहले उस स्थान को ऊपर और नीचे दोनों तरफ से किसी मोटे धागे से बाँध देना चाहिए जिससे उसका जहर शरीर में ना फैल पाए, उसके बाद बिच्छू काटने का घरेलू उपाय या अन्य उपचार करना चाहिए।

[quote]थोड़ा सा चूना और नौसादर लीजिये और इन्हें अच्छे से मिलाकर उस स्थान पर लगाना है जहाँ पर डंक का निसान या लाल घेरा सा दिख रहा हो इससे बहुत जल्दी आराम मिल जायेगा।[/quote]

[quote]जिस स्थान पर काटा हो उस स्थान को जल्दी खोजकर उस पर आक (अकुआ) के पौधे का दूध लगा देना चाहिए इससे जहर का प्रभाव जल्दी कम होने लगता है।[/quote]

[quote]यदि आपके पास पलास के बीजों की व्यवस्था हो तो कुछ पलास के बीज पीस लीजिये और उन्हें आक (अकुआ) के दूध में मिलाकर डंक वाले स्थान पर लगा दीजिये कुछ ही देर में जहर उतर जायेगा।[/quote]

[quote]थोड़ा सा रीठा लीजिये और व्यक्ति को चबाने के लिए दे दीजिये और थोड़ा सा रीठा लीजिये और उसे थोड़ा बारीक़ पीसकर डंक वाली जगह पर लगा दीजिये। ऐसा करने पर भी व्यक्ति के शरीर से जल्दी जहर का प्रभाव समाप्त हो जायेगा।[/quote]

[quote]थोड़ा सा सेंधा नमक लीजिये जिसे हम काला नमक भी कहते है, और थोड़ा सा गाय का घी लीजिये अब इन दोनों को अच्छे से मिलाकर व्यक्ति को पिला दीजिये और थोड़ा सा डंक वाली जगह पर भी लगा दीजिये ऐसा करने पर भी जहर खत्म हो जायेगा।[/quote]

ऊपर बताये गए उपचारों में से केवल एक ही दवा का प्रयोग करें जो आपके घर पर जल्दी से मिल सके। लेकिन इसका विशेष ध्यान रखें कि डॉक्टर से अच्छा कोई विकल्प नहीं हो सकता इसलिए अच्छे चिकित्सक के पास जाना भी बहुत जरुरी है।

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