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बुखार कितने प्रकार का होता है ? बुखार आने के कारण, लक्षण एवं उपचार

03/09/2017 by Hindi Health Gyan 6 Comments

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यह कोई असाधारण बीमारी नहीं है। इसके ऊपर वैज्ञानिकों ने बहुत सारी research की जिसके बाद विशेषज्ञों ने पाया कि दूसरे छोटे बड़े रोगों से ज्वर (fever) उत्पन्न होता है। जब किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान किसी कारण बढ़ जाता है तो उसका शरीर तपने लगता है, मतलब शरीर का temperature बढ़ जाता है। इसी को हम फीवर (Fever) कहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ज्वर किसी दूसरी बीमारी के लक्षण के रूप में उत्पन्न होता है। जब मनुष्य की body में कफ, बात और पित्त की समस्या होती है तो इनसे कई प्रकार के बुखार की उत्पत्ति होती है।

बुखार आने के कारण, लक्षण एवं उपचार

बुखार आने के क्या कारण होते हैं ?

आयुर्वेदिक शोध के अनुसार यदि कोई व्यक्ति ज्यादा ठण्डे एवं गर्म वातावरण में रहने, पानी में ज्यादा देर तक भीगने और समय पर खाना ना खाने से कई प्रकार के बुखार की उत्पत्ति होती है।

इसके उत्पन्न होने का ये कारण भी होता है कि व्यक्ति के शरीर में कफ, बात और पित्त ये तीनों में से किसी एक का भी संतुलन ख़राब हो जाता है, तब मनुष्य की body में कई प्रकार के ज्वर या फीवर अपना डेरा जमा लेते हैं। और ऐसा नहीं कि सभी प्रकार के बुखार के लक्षण समान होते हों बल्कि सभी के अलग अलग लक्षण होते हैं।

इसे भी पढ़िए: असंतुलित भोजन से शरीर में कौन कौनसे रोग उत्पन्न हो जाते हैं

तो चलिए सबसे पहले हम बुखार के प्रकार के बारे में जान लेते हैं और फिर उनके लक्षणों के बारे में जानेंगे।

  • मलेरिया Malaria Fever
  • टाइफाइड Typhoid
  • डेंगू dengue
  • फ्लू Flu

ऊपर बताये गए fever से कोई भी व्यक्ति किसी भी फीवर से पीड़ित हो सकता है। लेकिन किसी भी टाइप के ज्वर में   वात, पित्त और कफ का असंतुलित होना fix होता है।

वात बुखार के लक्षण:

यदि किसी मनुष्य के शरीर में वात असंतुलित हो जाता है तो इस तरह का बुखार आने लगता है।

  • रोगी को बार बार जम्हाइयां आने लगतीं हैं, मतलब उसके शरीर में बहुत ज्यादा आलस भर जाता है जिससे बार बार मुँह खुलने लगता है।
  • व्यक्ति को खाना खाने की बिलकुल इच्छा नहीं होती है, मतलब अरुचि सी होने लगती है।
  • मुँह में मीठा मीठा लगने लगता है।
  • व्यक्ति का शरीर काँपने लगता है और उसके रोंये (हाथ पैरों के बाल) खड़े होने लगते हैं।
  • व्यक्ति की body में बहुत ज्यादा दर्द होने लगता है।

वात बुखार की दवा:

  1. मुनक्का, सोंफ़, अनंतमूल, संभालू के बीज और छोटी पीपल, इन सबको पानी में उबालकर काढ़ा बना लीजिये और सुबह शाम दोनों time रोगी को चार चार चम्मच दें, इससे बहुत जल्दी ठीक हो जायेंगे।
  2. गुर्च, पुननर्वा, अनंतमूल और मुनक्का, इन सभी चीजों को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बना लीजिये और उसे छानकर गुड़ के साथ रोगी को देने से वो जल्दी ठीक हो जाता है।
  3. पीपल, काली मिर्च, गौरोचन, कास्ना और कूठ, सभी चीजों को बराबर मात्रा में लीजिये और पीसकर चूर्ण बना लीजिये। एक चम्मच चूर्ण सुबह शाम गर्म पानी के साथ लीजिये, इससे व्यक्ति बहुत जल्दी ठीक हो जायेगा।

इसे भी पढ़िए: शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के वास्तविक कारण

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पित्त बुखार के लक्षण:

मनुष्य के शरीर में यदि पित्त की मात्रा ज्यादा हो जाये तो इस तरह का fever आने लगता है।

  • इससे पीड़ित व्यक्ति को बहुत ज्यादा प्यास लगती है। बार बार पानी पीने के बाद भी मुँह में सूखा सूखा लगता है।
  • Heart में बहुत ज्यादा जलन सी महशूश होती है।
  • कभी कभी व्यक्ति को मुँह में कड़वाहट सी लगने लगती है।
  • ऐसे आदमी को नींद नहीं आती लेकिन कभी कभी बेहोसी आ जाती है।
  • Body का Temprature इतना बढ़ जाता है कि रोगी को बेचैनी होने की समस्या होने लगती है।

पित्त बुखार की देशी दवा:

25 ग्राम पित्तपापड़ा आधा लीटर पानी में डालकर अच्छी तरह उबालिए, जब 100 मिलीलीटर के आस पास पानी रह जाये तो उसे छानकर सुबह सुबह थोड़ा थोड़ा पीने से इस तरह का फीवर ठीक हो जाता है।

कफ बुखार के लक्षण:

यदि किसी व्यक्ति के शरीर में कफ की मात्रा ज्यादा बढ़ जाती है तो इस तरह का बुखार आने लगता है।

  • इससे पीड़ित व्यक्ति के शरीर में बहुत ही ज्यादा आलस भरा रहता है।
  • आदमी को ठण्ड भी लगती है और जुकाम हो जाता है।
  • इससे व्यक्ति की नाक बहुत ज्यादा बहने लगती है।
  • रोगी के body की त्वचा का रंग सफ़ेद हो जाता है।
  • ऐसे मनुष्य के गले में खराश होने लगती है या गले में खुजली सी महशूश होती है।
  • रोगी को बार बार खाँसी आने लगती है जिसके साथ कफ भी आता है।

इसे भी पढ़िए: दांत दर्द के लिए घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार

कफ बुखार के घरेलू उपाय एवं इलाज:

  1. कस्तूरी भैरव रस की 120 मिलीग्राम मात्रा में पान का रस मिलाकर सुबह और शाम खाना खाने के बाद पीने से इस फीवर को नस्ट किया जा सकता है।
  2. छोटी पीपल, कपूर, नीम की छाल, चिरायता, पोहकरमूल, बड़ी पीपल, बड़ी कंटकारी और देवदारु, इन सबका काढ़ा बनाकर सुबह शाम पीने से इस तरह के बुखार को जड़ से ख़त्म कर सकते हैं।

बुखार आने पर क्या खायें और क्या ना खायें ?

ऐसा व्यक्ति जिसे किसी तरह का फीवर आ रहा हो उसे अपने खान पान में कुछ बदलाव करने की बहुत आवश्यकता होती है जिसमें कुछ ऐसी चीजें होतीं है जिन्हें खाना ठीक नहीं होता और कुछ ऐसी चीजें होतीं हैं जिसे रोगी को खाना चाहिए। कहने का मतलब है रोगी को जल्दी ठीक होने के लिए कुछ परहेज करने की जरुर होती है –

  • ऐसे व्यक्ति को खाना खाना बंद कर देना चाहिए।
  • यदि व्यक्ति की उम्र 30 साल से ज्यादा है तो उसे भोजन बंद करके फलों के जूस और फलों का सेवन करना बहुत लाभदायक होता है।
  • आयुर्वेद के अनुसार बुखार के रोगी को उपवास करना चाहिए।
  • सर्दियों के मौषम में फीवर वाले व्यक्ति को हल्का गर्म पानी पीना चाहिए।
  • गर्मियों में पानी को उबालकर और उसे ठण्डा करके पीना चाहिए।
  • रोगी का बुखार ठीक होने के बाद हल्का खाना जैसे दलिया, खिचड़ी आदि को खाना बढ़िया रहता है।
  • फलों के जूस लेने से रोगी की कमजोरी जल्दी ठीक हो जाती है।
  • ऐसे व्यक्ति को गरिष्ठ भोजन करने से पूर्णतः बचना चाहिए।

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मेरे प्यारे पाठक, इस तरह से आप जान गए हैं कि बुखार कितने प्रकार के होते हैं, उनके क्या कारण होते हैं और उनके लक्षण एवं उपचार क्या होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को ऊपर बताये गए विभिन्न प्रकार के इलाजों से फायेदा ना हो तो तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करने में ही समझदारी होगी।

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Comments

  1. Shyam Narayan says

    17/05/2018 at 9:24 PM

    Muhje bahut kafi Bukhara HOTA hai bet Bukhara jata hee Nahi mere sar me bahut dard hota hai agarmai dawayi leta hoo to Kuch samay tak MATLAB 8ganta please help me

    Reply
    • Hindi Health Gyan says

      18/05/2018 at 10:03 AM

      Dear aap kisi achhe doctor ko dikhaiye aur pura checkup karwaiye ho sakta hai aapki chest me kaf jama huya ho.

      Reply
  2. Nandlal Meena says

    12/07/2018 at 2:05 PM

    पाणि जरी की शिकयेत होने पर क्या ईलाज ले

    Reply
  3. raj says

    26/08/2018 at 11:53 AM

    mujhe kal raat se thand dekar bukhaar ho gaya hai.Sir aur pairon me dard hai.Kaun Sa Gharelu upchaar karun?

    Reply
  4. Bhupen Rai says

    30/09/2018 at 3:41 PM

    3 saal se feaver nahi hoo raha hai kya problem hai

    Reply
    • Hindi Health Gyan says

      30/09/2018 at 6:05 PM

      Ye to achhi bat hai na. isme problem wali kya baat hai.

      Reply

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