मेथी खाने के चमत्कारीय फायदे
मेथी की खेती पूरे भारत में होती है। इसे मेती, मेथियम्र, मेथिका मेथिनी के नामों से भी जाना जाता है। इसके पौधों की ऊँचाई लगभग एक से तीन फुट तक होती है। इसके पत्ते आधे से एक इंच तक लम्बे तथा अंडाकार स्वरुप के होते हैं। मेथी के फूल छोटे एवं पीले रंग के होते हैं और इसकी फली दो से तीन इंच लम्बे और नोंकदार होते हैं जिसमें 8-10 पीले रंग के मूँग के बराबर चपटे और चौकोर बीज निकलते हैं। मैथी के पत्तों का साग बहुत स्वादिष्ट होता है।

मेथी शक्तिवर्धक विटामिन से भरपूर होती है इसे लोगों के लिए प्रकृति का सबसे अच्छा उपहार माना जाता है। इसकी तासीर गर्म और खुश्क होती है। शहरों में यह थोड़ी सी मँहगी मिलती है लेकिन गावों में इसका भाव कुछ ज्यादा नहीं होता है।
सामान्य वर्ग के लोगों के स्वास्थ्य के लिए यह टॉनिक और औषधि का काम देती है। इसके द्वारा हम कई तरह के रोगों से पूरी तरह मुक्ति पा सकते हैं।
मेथी के फायदे और घरेलू नुस्खे:
जैसा कि में ऊपर भी बता चुका हूँ कि मैथी को एक महाऔषधि के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसके प्रयोग से कई तरह के छोटे बड़े और असाध्य रोगों का इलाज करके उन्हें जड़ से समाप्त किया जाता है। इसका विभिन्न रोगों के लिए घरेलू नुस्खों में निम्न प्रकार उपयोग किया जाता है।
गठिया रोग –
- मेथी को गीले कपड़े में पोटली बाँधकर रख दें और 24 घंटे के बाद उस पोटली को खोलें, उसमें अंकुर निकल आएंगे इन अंकुरित मैथी का सेवन प्रतिदिन सुबह के समय कीजिये। स्वाद के लिए नमक और काली मिर्च अंकुर में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसके लगातार 3 महीने प्रयोग करने से मरीज का गठिया रोग पूरी तरह ठीक हो जायेगा।
- गठिया रोग में चार चम्मच मैथी के दाने रात के समय एक गिलास पानी में डालकर रख दें और सुबह के समय इन्हें उबालकर थोड़ा सा गर्म पानी रहने पर उसे छान कर पी लें। इसका प्रयोग लगातार तीन महीने तक करने से गठिया की बीमारी पूर्णतः नष्ट हो जाती है।
अरुचि या भूख न लगना –
सात मेथी के दाने के लीजिये और उन्हें तवे पर डालकर आधा चम्मच देसी घी में सेंक लीजिये. सेंकते समय जब मैथी का रंग लाल हो जाये तो उसे सेंकना बंद कर दें और उसे ठंडा होने दें इसके बाद इन्हें पीस लें और उसमें 5 ग्राम शहद मिलाकर एक महीने तक सेवन करते रहें तो रोगी के सारे पेट रोग खत्म हो जायेंगे और अच्छी भूख लगना प्रारम्भ हो जाएगी।
खूनी बवासीर –
यदि किसी व्यक्ति को खूनी बवासीर का रोग है तो उसे प्रतिदिन हरी मेथी का साग दही के साथ खाने से उसका यह रोग कुछ ही दिनों में नष्ट हो जाता है।
शारीरिक कमजोरी –
मेथी के साग में लहसुन और अदरक का छोंक लगाकर खाने से व्यक्ति की शारीरिक कमजोरी खत्म हो जाती है।
बादी बवासीर –
मेथी का काढ़ा या इसे दूध में औटकर प्रतिदिन लगातार एक हफ्ते तक सेवन करने रोगी की बादी बवासीर ठीक हो जाती है।
कमर दर्द –
मेथी के लड्डू 20-25 दिनों तक खाने तथा मैथी के तेल की मालिश करने से वायु विकार के कारण उत्पन्न कमर का दर्द ठीक हो जाता है।
कब्ज की सिकायत –
- 4-4 ग्राम मेथी का चूर्ण कुछ दिन तक सुबह शाम पानी अथवा गुड़ के साथ सेवन करना चाहिए इससे कब्जियत की समस्या खत्म हो जाती है।
- किसी भी सब्जी में मेथी दानों का छोंक लगाकर सेवन करने से कब्ज की समस्या से पूरी तरह निजात मिल जाती है।
छाती के रोग –
मेथी के बीजों को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें और चूर्ण की आधा चम्मच की मात्रा के हिसाब से शहद में मिलाकर सेवन करने से वक्षस्थल के सभी प्रकार के पुराने से पुराने रोग ठीक हो जाते हैं।
अपच की समस्या –
मेथी को भूनकर थोड़ा सा लाल कर लीजिये फिर उसे बारीक पीसने के बाद कपड़े से छान लीजिये. अब तीन तीन ग्राम की मात्रा शहद में मिलाकर सुबह शाम चाटने से अपच रोग से मुक्ति मिल जाती है और भूख भी खूब लगती है।
इस तरह आपने देखा कि मेथी का उपयोग करके किस प्रकार के रोगों को ठीक किया जाता है। यदि आप इस जानकारी भरे लेख के बारे में अपने विचार शेयर करना चाहते हैं तो कमेंट करके अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। मेथी के घरेलू नुस्खे वाली ये जानकारी सभी लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है इसलिए इसे ज्यादा से ज्यादा फेसबुक पर शेयर करके अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने का कष्ट जरुर करें।