Muh ke chaale: मुंह के छाले जिसे हम माउथ अलसर भी कहते हैं ये एक सामान्य रोग है जिसमें रोगी के मुँह के अन्दर जीभ और गालों की आतंरिक दीवारों पर छोटी छोटी फुंसी जैसे हो जातीं हैं। इन छालों में बहुत तेज तेज पीड़ा महसूश होती है जिसकी वजह से रोगी कुछ भी खाने पीने में बहुत परेशानी होती है। ऐसे रोगी कोई भी नमकीन या मिर्च मशालेदार खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं कर पाता, यदि वो मिर्ची युक्त भोजन का सेवन करता है तो उसे बहुत ज्यादा मिर्ची लग जाती है जिसकी वजह से मुँह से कभी कभी लार भी टपकने लगती है।
जिस व्यक्ति के मुँह में छाले हो जाते हैं वह ठीक से बोलने में भी खुद को असमर्थ महशूश करता है क्योंकि उसे बोलते समय अत्यधिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है। वैसे मुँह के छालों को अंग्रेजी में Stomatitis कहा जाता है और इसे आयुर्वेद में मुखपाक रोग के नाम से जाना जाता है।
यदि देखा जाये तो मुंह के छाले की उत्पत्ति का सबसे बड़ा कारण व्यक्ति का पेट साफ न होना होता है इस रोग की शुरुवात में जीभ का सफेद होना एक ऐसा लक्षण होता है जिसे देखकर ये समझा जा सकता है कि अब मुँह में छाले होने वाले हैं।
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चलो ठीक है, अब आगे की तरफ चलते हैं और आपको उन प्रमुख कारणों के बारे में बताता हूँ जिनकी वजह से किसी भी व्यक्ति के मुँह में छाले उत्पन्न हो जाते हैं।
मुंह के छाले का कारण:
माउथ अल्सर की उतपत्ति के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –
- यदि कोई व्यक्ति अत्यधिक चाय या कॉफी का सेवन कर ले तो उसके मुँह में इस तरह का विकार उत्पन्न हो जाता है।
- जो व्यक्ति नियमित रूप से मुँह को साफ नहीं रखते तो कुछ समय बाद मुँह में छाले पड़ जाने की संभावनाएँ प्रवल हो जातीं हैं।
- जो लोग गुटखा तम्बाकू का अत्यधिक सेवन करते हैं या मुख शुध्हि के लिए प्रयोग किये जाने वाले पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो ऐसे लोगों को माउथ अल्सर का सामना करना पड़ सकता है।
- विशेषज्ञों के अनुसार व्यक्ति के शरीर में विटामिन B एवं विटामिन C की अधिक कमी आ जाये तो उसे इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- व्यक्ति के शरीर में रीबोफ्लेवीन, निकोटिनिक एसिड, फोलिक एसिड, साइनोकोवालामीन इत्यादि तत्वों की कमी आ जाये तो उसे मुंह के छाले की परेशानी से गुजरना पड़ता है।
- यदि किसी व्यक्ति के पेट में लम्बे समय से कब्ज की समस्या रह रही हो तो उसे मुखपाक जैसा रोग होना लाजमी होता है।
- जो बच्चे और बड़े लोग चोकलेट च्युइंगम, बर्फ के गोले इत्यादि का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं उन्हें मुंह के छाले हो जाते हैं।
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मुंह के छाले के लक्षण:
कुछ लोग इस रोग को सही से पहचान नहीं पाते हैं इसलिए में आपको कुछ प्रमुख लक्षणों के बारे में आगे वर्णन कर रहा हूँ जिससे आप आसानी से मुंह के छाले की बीमारी की पहचान करने में समर्थ हो जायेंगे –
- यदि किसी रोगी को कुछ भी खाने पर मुँह में उसका स्वाद महशूश न हो तो उसे समझ लेना चाहिए कि उसे मुखपाक रोग हो गया है।
- जिस व्यक्ति को मुँह के स्वाद के साथ साथ मुँह बार बार सूखता हो और मुँह में कड़वा कड़वा सा लगता हो तो उसे समझ लेना चाहिए कि उसकी पाचन क्रिया खराब हो चुकी है और यही बिगड़ी हुयी पाचन क्रिया की वजह से आगे चलकर मुँह में छाले का कारण बन सकते हैं।
- यदि किसी रोगी के पेट में अपच के साथ साथ उसके पेट में गर्मी बढ़ जाये अथवा पेट में पित्त इकठ्ठा हो जाये तो मुंह के छाले हो जाते हैं या मुखपाक रोग हो जाता है।
- यदि किसी व्यक्ति के तालू, गलफड़ों, जीभ, होंठों के अन्दर छोटी छोटी फुंसियों जैसे दाने दिखाई दें तो उसे समझ लेना चाहिए कि उसे मुंह के छाले का रोग हो चुका है।
- यदि किसी रोगी का पेट साफ नहीं होता और मल कठोर निकलता है जिसके लिए उसे काफी ताकत लगानी पड़ती है और वह बार बार थूकता रहता है तो उसे माउथ अल्सर का सामना करना पड़ सकता है।
- ऐसे रोगी जीभ तथा गालों का अन्दर का हिस्सा एक दम सुर्ख लाल हो गया हो तो उसे मुखपाक की समस्या होती है।
- जो आदमी मुँह के छालों से ग्रसित होता है उसके मुँह से निकलने वाली साँसों से तीक्ष्ण गंध या दुर्गन्ध आने लगती है।
- जिस रोगी को मुँह के छाले की प्रॉब्लम होती है उन्हें बात करने में बहुत तेज पीड़ा होती है जिसकी वजह से ऐसे मरीज कम से कम बोलने की कोशिश करते हैं। क्योंकि जब भी वो बोलने की कोशिश करते हैं वसे ही छालों में दर्द होने लगता है।
- ऐसे रोगी किसी भी हल्की मिर्च वाला भी भोजन का सेवन करते हैं तो उन्हें मुँह में बहुत तेज जलन महशूश होती है ठीक ऐसा ही नमकीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने पर रोगी के मुँह में अत्यधिक जलन प्रतीत होती है।
- जिस व्यक्ति के मुँह में छाले की समस्या होती है वह पूरे दिन बैचैन रहता है और उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता।
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मुंह के छाले का उपचार (home remedies for mouth ulcer in hindi):
[quote]यदि मुँह में छाले दानों के रूप में हों या सिर्फ लालिमा हो दोनों ही कंडीशन में छालों पर ग्लिसरीन लगाना चाहिए इससे मुखपाक रोग में जल्दी आराम मिल जाता है।[/quote]
[quote]जिस व्यक्ति के मुँह के छाले हो गए हों तो उसे दवा के रूप में अपने मुँह के अन्दर शहद लगाना चाहिए इसका प्रयोग दिन 5-8 बार करना चाहिए इससे छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं।[/quote]
[quote]यदि एक गिलास पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर दिन 4-5 बार कुल्ला करने से तुरन्त आराम मिल जाता है इसे सबसे बढ़िया मुंह के छाले की दवा माना जाता है।[/quote]
[quote]थोड़ा सा दही लीजिये और उसमें दो चम्मच शहद मिला लीजिये अब से धीरे धीरे थोड़ी देर तक चाटते रहिये ऐसा दिन 2-3 बार करने पर छालों में त्वरित लाभ मिलता है।[/quote]
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मुंह के छाले के लिए आयुर्वेदिक दवा (Mouth ulcer ayurvedic treatment):
में यहाँ पर कुछ आयुर्वेदिक मुंह के छाले की टेबलेट के बारे में बताने जा रहा हूँ जिन्हें आप आसनी से ले सकते हैं और चाहे मुँह में छाले हों या जीभ के छाले हो सभी तरह के ठीक हो जायेंगे –
स्टोमेट (Stomet) – मोहता आयुर्वेदिक कंपनी द्वारा निर्मित इसकी एक एक टेबलेट सुबह शाम दिन में दो बार भोजन सेवन करने के बाद लेना चाहिए इससे तुरन्त आराम मिल जाता है।
हेमोप्लेक्स (Hemoplex) – डिशेन आयुर्वेदिक company द्वारा निर्मित इसकी एक एक गोली सुबह शाम दोनों time खाना खाने के बाद ले सकते हैं इससे भी छाले ठीक हो जाते हैं।
मेनोल (Menol) – इसे आप चरक कंपनी की ले सकते हैं और दिन दो बार सुबह और शाम एक एक गोली भोजन उपरांत ले सकते हैं इससे भी मुंह के छाले की प्रॉब्लम ठीक हो जाती है।
एक्रीमिन (Acremin) – इसे आप आर्या आयुर्वेदिक कंपनी का ले लीजिये और सुबह शाम दिन में दो बार खाना खाने के बाद एक एक टेबलेट सेवन करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
अब में आपको देसी और आयुर्वेदिक दोनों तरह की मुंह में छाले की दवा के बारे में बता चुका हूँ खैर ये सब तो ठीक है लेकिन इन सब दवायों का लाभ सिर्फ तभी सही से लिया जा सकता है जब आप परहेज भी साथ में करें। तो चलिए मुंह के छाले के रोगी के लिए परहेज के बारे में जान लेते हैं।
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मुंह के छाले होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं:
- जितना हो सके ऐसे रोगी को ज्यादा से ज्यादा गाय दूध का सेवन करना चाहिए।
- शक्कर और चावल की खीर इस तरह के रोगी के लिए बहुत फायदेमंद होती है छोलो के समय खीर का सेवन अधिक करना चाहिए लेकिन ध्यान रहे इसके लिए गाय या बकरी का दूध होना चाहिए।
- यदि गाय या बकरी का दूध उपलब्ध न हो तो डेरी का दूध और आइसक्रीम का सेवन किया जा सकता है।
- यदि मुंह के छाले की प्रॉब्लम किसी बच्चे को हो तो उसे बकरी का दूध उसके थन से लगाकर पिलाना अति उत्तम माना जाता है।
- यदि मरीज को प्यास लगे तो उसे ताजा छाछ का सेवन थोड़ी सी मिश्री डालकर पीना चाहिए। क्योंकि मठे को पीने से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है इसलिए ये मुंह के छाले के मरीज को आरामदायक होता है।
- किसी भी तरह के तेल युक्त और मसालेदार भोजन का सेवन ऐसे रोगी को भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
- गुटखा शराब तम्बाकू इत्यादि का सेवन करना मुंह के छाले के मरीज के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक होता है इसलिए इन चीजों के प्रयोग करने से बचना बहुत जरुरी है।
- चाय कॉफी का सेवन भी करना उचित नहीं होता ऐसे माउथ अल्सर रोगी के लिए अतः इन चीजों से दूर रहें।
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ऊपर बताये गए मुंह के छाले के उपचार (mouth ulcer treatment in hindi) सिर्फ आपके ज्ञान को बढ़ाने के लिए हैं इन्हें बिना किसी डॉक्टर की सलाह लिए बिना उपयोग करना आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं इसलिए अपने नजदीकी चिकित्सक जरुर संपर्क कर लें।
मूह मै छाले
Mere muh me tez chale h Turant sahi karne ke liye kya kro
Jo ilaj maine bataya hai use use kijiye chhale jaldi theek ho jayenge.
Mere jibh me bhut jada chale ho gay hai
Chhale de bahut paresan hu davaa bataeye
Body me Vitamin, Iron ki kami hone ke karan jeebh par chale hone ke karan bahut preshan huu. Please koi aachi dava bataye……. 😌 PLEASE HELP ME.
Me bhut preshan hu chalo se
Mere much me chale Bhutto ho te Han. Please tel me titment
jo treatment maine bataya hai use upyog kijiye jald hi theek ho jayenge.
मेरे मुह मे होंठों पर छाले है रात को पानी आता है छालों मे कोन सी दबा लू………. अंग्रेजी दवा काम नहीं कर रहीं
छालों के लिए आप चाहें तो आयुर्वेदिक stomet टेबलेट सुबह शाम एक एक खाना खाने के बाद पानी के साथ ले सकते हैं यह छालों के लिए बहुत कारगर है.
Mere hot or gaalo pr chale nikal RHA h medicine btao Jo jldi thk ho Jaye