लीवर में दर्द क्यों होता है एवं लीवर के दर्द का इलाज

लीवर में दर्द :- इस प्रकार के लीवर की प्रॉब्लम में रोगी “पित्ताशय के दर्द से” पहले से ही ग्रसित होता है। रोगी को अत्यधिक तेज दर्द उठता है जिसकी वजह से वह बैचैन हो जाता है। लीवर दर्द से परेसान व्यक्ति को उल्टियाँ होतीं हैं एवं उसके शरीर पर ठण्डा पसीना आता है। लीवर का दर्द हमेशा रोगी के शरीर के दाहिने कंधे की तरफ जाता हुआ महशूश होता है और यह पीड़ा रुक रुककर उठती है और कुछ देर बाद स्वतः ही खत्म हो जाती है। दरसल यह प्रॉब्लम पित्ताशय की पथरी की वजह से उत्पन्न होती है।

लीवर में दर्द क्यों होता है एवं लीवर के दर्द का इलाज

इस रोग में पित्त की पथरी जब तक पित्ताशय में रुकी रहती है तब तक तो रोगी को किसी तरह की समस्या नहीं होती है। बस कभी कभी पेट में दर्द सा मालूम होता है लेकिन जब यह पथरी पित्ताशय से निकलकर पित्तवाहिनी नली में आ जाती है तब धीरे धीरे या बहुत तीव्र अवस्था में पेट में असहनीय दर्द उठता है जिसकी वजह से रोगी बुरी तरह वेचैन हो जाता है।

इस प्रकार के भयानक दर्द को पित्तशूल अर्थात यकृत का दर्द या लीवर का दर्द कहा जाता है। यह रोग सबसे ज्यादा 40 से 60 वर्ष की आयु वाली स्त्रियों में देखने को मिलता है। भारत में लगभग हर दसवां व्यक्ति या महिला लीवर में दर्द होने की समस्या से पीड़ित होती है।

लीवर में दर्द होने के कारण (Liver Me Dard Ke Karan):

यह रोग जिन चीजों से उत्पन्न होता है उनके बारे में आप आगे पढेंगे, लीवर में दर्द के कारण निम्नलिखित होते हैं –

  • यह बीमारी किसी कारण से पित्त निकलने में रुकावट आने पर उत्पन्न होती है।
  • ऐसे लोग जो दिमागी मेहनत करते हैं और शारीरिक मेहनत न के बराबर करते हैं या फिर बैठे बैठे आराम की जिंदगी काटते हैं उन्हें इस परेशानी का सामना करना पड़ता है।
  • जो व्यक्ति मांसाहार या अत्यधिक प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करते हैं ऐसे लोगों में इस रोग से पीड़ित होने की संभावनाएँ अत्यधिक होतीं हैं।
  • जो महिलाएं अत्यधिक मोटी होती हैं या मोटापा की शिकार होतीं है उन्हें 40 साल की आयु के बाद लीवर के दर्द की प्रॉब्लम से गुजरने की प्रवल संभावनाएँ होतीं हैं। अतः यह कहना गलत नहीं होगा कि मोटापा लीवर में दर्द होने का कारण बन सकता है।
  • कुछ बिमारियों के बेक्टीरिया जैसे टाईफायड के वायरस पित्ताशय में सूजन पैदा कर देते हैं जिसकी वजह से पथरी बनकर दर्द उत्पन्न होता है

लीवर में दर्द के लक्षण (Liver Me Dard Ke Lakshan):

जब कोई व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित होता है तो निम्न प्रकार के लक्षण प्रतीत होते हैं –

  • इस प्रॉब्लम वाले मरीज को धीरे धीरे या जोर जोर से पेट में अत्यधिक तेज और असहनीय दर्द होता है जिसकी वजह से रोगी एक दम फडफडा उठता है।
  • रोगी के पेट में दर्द दाहिनी तरफ से शुरू होकर दाहिने कंधे और पीठ तक फैल जाता है।
  • ऐसे रोगी को दर्द की प्रॉब्लम कुछ घंटों से लेकर कई हफ्तों तक रह सकती है।
  • रोगी को जब दर्द होता है तो वैचैनी की वजह से ठण्डा पसीना, नाड़ी बिलकुल कमजोर और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
  • ऐसे मरीज को ज्यादा संक्रमण होने पर ठण्ड के साथ तेज फीवर आ जाता है।
  • जब पथरी आंत के अन्दर पहुँच जाती है तब पेट दर्द के साथ अन्य परेशानियाँ भी समाप्त हो जातीं हैं और रोगी अपने शरीर में पूरा आराम महशूश करता है।

लीवर में दर्द होने पर जरुरी जाँचें:

हम सब जानते हैं कि व्यक्ति के पेट में लीवर एक प्रमुख अंग के रूप में जाना जाता है यदि लीवर में दर्द होना महशूश होता है तो तुरंत किसी नजदीकी सम्बंधित चिकित्सक से परामर्श लेते हुए निम्नलिखित जाँचें करवा लेनी चाहिए –

एक्सरे यदि रोगी की एक्सरे करवाया जाये तो कुछ स्थितियों में पित्ताशय की पथरी का पता चल जाता है।
यूरिन टेस्ट इसमें यूरोबिलीनोजन एवं बिलीरुविन का पाया जाना जोंडिस या पीलिया का संकेत देता है।
अल्ट्रासोनोग्राफी इसमें पथरी अथवा स्टोन की सही जानकारी और वो किस जगह पर है इसका पता लग जाता है।

लीवर में दर्द होने वाले रोगी के लिए उपाय:

  • ऐसे रोगी का खुली हवा में टहलना तथा रेगुलर तरीके से व्यायाम करना अत्यधिक लाभकारी होता है।
  • घुड़सवारी करना भी पित्ताशय की पथरी के मरीज के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।
  • ऐसे रोगी को जितना भी हो सके उतना गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए।
  • जितना हो सके फलों के जूस का सेवन बेहद हितकारी होता है।
  • रोगी को गुटखा, बीड़ी, तम्बाकू, मदिरापान इत्यादि नशीली चीजों से उचित दूरी बनाये रखना बहुत जरुरी होता है।
  • तली हुयी, अत्यधिक मिर्च मशलेदार साग सब्जी का सेवन करना भी पूरी तरह वर्जित माना जाता है। अतः ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए।

अंत में लीवर के दर्द के रोगी के लिए यही सलाह दूंगा कि ऐसी परिस्थिति में डॉक्टर से बढ़कर आपका कोई अच्छा साथी नहीं हो सकता, इसलिए जितना जल्दी हो सके किसी अच्छे चिकित्सक से संपर्क करके अपना अमूल्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए प्रयास करें और घबराएँ नहीं क्योंकि ये कोई ऐसी बीमारी नहीं है जिसे डॉक्टर ठीक न कर सकें।

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