शीघ्रपतन या शीघ्र स्खलन रोग एक ऐसा रोग है जिसका जिम्मेदार खुद रोगी होता है। जब व्यक्ति अपनी किशोरावस्था में होता है तो हस्तमैथुन जैसी अप्राकृतिक मैथुन करता है और कुछ लोग इस आदत में इतने गहरे डूब जाते हैं कि उन्हें इसके अलावा कुछ भी अच्छा नहीं लगता। लेकिन कहते हैं ना कि किसी भी चीज की एक लिमिट होती है, जो लोग इस लिमिट को अनदेखा करते हुए अपने आनंद में डूबे रहते हैं। फिर जब वो गृहस्थ जीवन में कदम रखते हैं और शादी कर लेते हैं, उसके बाद जब अपनी स्त्री को खुश नहीं कर पाते तब उन्हें अपनी गलतियों का अहसास होता है। क्योंकि शीघ्रपतन का रोगी अपने महिला पार्टनर को कभी खुश नहीं कर पाता।
जब कोई व्यक्ति अत्याधिक रूप से हस्तमैथुन करता है तो उसके लिंग या शिश्न पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से लिंग में टेढ़ापन आ जाता है, वीर्य की बहुत ज्यादा क्षति होने के कारण शिश्न में कामोत्तेजना में का आभाव हो जाता है, और जब ऐसा पुरुष अपनी महिला सहयोगी के साथ संभोग करता है तो स्टार्टिंग में ही वीर्य निकल जाता है जिससे उसकी महिला पार्टनर पूर्ण आनंद को प्राप्त नहीं कर पाती।
शीघ्रपतन से ऐसा ही नहीं है कि सिर्फ स्त्री ही असंतुस्ट रहती हो बल्कि पुरुष भी अपने सही आनंद को लेने से वंचित रहता है क्योंकि वो जल्दी स्खलित होआ जाता है। ऐसे पुरुष जिन्हें ये रोग है वो पति पत्नी दोनों ही खुश नहीं रह पाते, उनके बीच सुबह शाम कलह होने लगता है, छोटी छोटी बातों पर झगड़ने लगते हैं। आखिर में होता ये है कि जब पत्नी का धैर्य टूट जाता है तो वो किसी दूसरे मर्द की तरफ अकर्सित होने लगती है। इस तरह से शीघ्रपतन रोग पूरे परिवार को बर्बादी के कुँए में धकेल देता है।
वैसे में बता दूँ कि शीघ्रपतन शारीरिक बीमारी उतनी ज्यादा नहीं है लेकिन ये बहुत बड़ी दिमागी बीमारी जरुर है। बहुत से ऐसे लोग भी इस दुनिया में पाए जाते हैं कि यदि उन्हें कोई खूबसूरत स्त्री दिख जाये तो उनकी कामोत्तेजना इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि वो मैथुन शुरू करते ही स्खलित हो जाते हैं।
पुरुषों की अपेक्षा महिलायें देर से उत्तेजित होतीं हैं। बहुत से लोग होते हैं जो स्त्रियों के संवेदनशील अंगो को छूते समय या आलिंगन या चुम्बन करते समय ही उनका वीर्य स्खलित हो जाता है।
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सहवास के दौरान समय से पहले ही वीर्य का स्खलित हो जाना शीघ्रपतन कहलाता है। विश्वविख्यात योन रोग विशेषज्ञ जॉनसन के अनुसार जब कोई पुरुष खुद पर काबू नहीं रख पाता और बिना अपनी महिला पार्टनर को संतुस्ट किये स्खलित हो जाता है, तो इस अवस्था को शीघ्रपतन की बीमारी कहा जाता है।
इसमें रोगी बार बार प्रयास करता है कि वो अपनी पत्नी को संतुस्ट आज करके ही छोड़ेगा लेकिन उसे हर बार असफलता ही हाथ लगती है। शीघ्रपतन रोग से ग्रसित पुरुष अपने आप पर नियंत्रण नहीं रख पाता और संभोग के दौरान उत्तेजना के चरम पर पहुँचने से पहले ही स्खलित हो बैठता है।
शीघ्रपतन रोग के कारण :
अब में आपको कुछ ऐसी वजहों के बारे में बता देता हूँ जिनकी वजह से ये रोग उत्पन्न होता है।
- इस रोग का सीधा सम्बन्ध दिमाग से होता है, यदि इसे दूसरे शब्दों में व्यक्त करना चाहूँ तो ये एक मानसिक बीमारी है।
- कुछ लोगों को योन संबंधों के प्रति अज्ञानता होती है, वो खुद को इसमें कमजोर समझते हैं या सोचते हैं कि मेरे शिश्न की लम्बाई कम है, शिश्न पतला है। ये सारी हीन भावनाएँ उसके दिमाग में बैठ जातीं हैं जो शीघ्रपतन की बीमारी का बहुत बड़ा कारण होतीं हैं।
- कुछ लोग युवावस्था में बहुत ज्यादा हस्तमैथुन करके बहुत ज्यादा वीर्य की क्षति कर लेते हैं जिससे उन्हें आने वाले समय में इस बीमारी से सामना करना पड़ता है।
- बहुत से ऐसे लोग भी होते हैं जो स्वप्नदोष की वजह से अपना वीर्य बहुत ज्यादा मात्रा में बर्बाद कर चुके होतें हैं, ऐसे लोगों को भी शीघ्रपतन रोग होने का भारी खतरा रहता है।
- कुछ पुरुषों में ये रोग इसलिए भी उत्पन्न हो जाता है कि वो किसी चीज को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित और भयभीत होते हैं।
- कुछ लोग किसी कारण से संभोग को बहुत लम्बे समय से नहीं कर पाते जिससे जब वो लम्बे अन्तराल के बाद सहवास करते हैं तो शीघ्र वीर्यपात हो जाता है, ऐसे समय वो अपने आप पर नियंत्रण खो देते हैं इसलिए ये समस्या उत्पन्न होती है।
- महिला और पुरुष दोनों के बीच लड़ाई झगड़े भी इस रोग के कुछ हद तक बड़ी वजह मानी जातीं हैं।
- कुछ लोग उत्तेजना से भरे हुए वातावरण में ज्यादा रहते हैं जैसे कोई अश्लील किताब पढना, कोई गन्दी फिल्म या वीडियो देखना ये सब शीघ्रपतन के सबसे बड़े कारण होते हैं।
- यदि किसी व्यक्ति को मधुमेह (डायबिटीज) की प्रॉब्लम हो तो उसे शीघ्र स्खलन की भी समस्या हो सकती है।
- कुछ ऐसे भी महाशय होते हैं जो बहुत ज्यादा गुदामैथुन या ज्यादा संभोग क्रिया में लिप्त रहते हैं ऐसे लोगों को भी आने वाले समय में शीघ्रपतन की समस्या से सामना करना पड़ता है।
- कुछ लोग वीर्य बढाने वाली औषधियों का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं जिससे उनके शरीर में वीर्य की अधिकता हो जाती है जो शीघ्रपतन का एक और कारण हो सकता है।
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शीघ्रपतन के लक्षण और पहचान :
अब में आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बता देते हैं जिससे आप बहुत ही आसानी से इस रोग को पहचान सकते हैं।
- जब पुरुष के लिंग को महिला पार्टनर मात्र स्पर्श करती है तो पुरुष इतने में ही स्खलित हो जाता है। इससे समझ लेना चाहिए कि उस पुरुष को शीघ्र स्खलन की बीमारी है।
- जब कोई पुरुष अपनी महिला सहयोगी के साथ संभोग करता है और उसका वीर्य तुरंत निकल जाता है तो उसे ये रोग हो सकता है।
- ऐसे व्यक्ति जो किसी सुन्दर महिला को देख लेने भर से अपने वस्त्र गंदे कर लेते हैं वो इस बीमारी का शिकार होते हैं।
- यदि कोई पुरुष अपनी महिला पार्टनर को आलिंगन करने मात्र से स्खलित हो जाते हैं उन्हें शीघ्रपतन की बीमारी होती है।
- जो लोग अपनी महिला पार्टनर के वक्ष स्थल को छूने, चुम्बन, फोरप्ले इत्यादि करने के दौरान ही स्खलित हो जाते हैं उन्हें मान लेना चाहिए कि वो इस रोग के शिकार हैं।
- ऐसे व्यक्ति जो संभोग क्रिया के दौरान पत्नी की योनि में लिंग डालते ही स्खलित हो जाते हैं वो इस रोग के शिकार होते हैं।
- इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की पत्नी जब बार बार उत्तेजित होती है और उसकी कामवासना शांत नहीं होती तो उसके वक्ष और उदर क्षेत्र में लगातार दर्द बना रहता है।
शीघ्रपतन का आयुर्वेदिक इलाज :
में यहाँ कुछ ऐसे शीघ्रपतन रोकने के उपाय बताने जा रहा हूँ जिससे रोगी पूरी तरह से ठीक हो सकता है लेकिन शीघ्रपतन की दवा का सेवन करने के दौरान आपको कुछ परहेज या खान पान और रहन सहन पर भी ध्यान देना बहुत जरुरी होगा। तो पहले में आपको कुछ बढ़िया और्वेदिक औषधियों के बारे में जानकारी देता हूँ उसके बाद परहेज के बारे में बताऊंगा।
[quote]अश्वगंधा चूर्ण 2-3 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम रोगी को दूध के साथ सेवन करना चाहिए जिससे वीर्य गाढ़ा होता है और मैथुन क्रिया के समय में बढ़ोतरी हो जाती है।[/quote]
[quote]1-1 गोली शिलाजित्वादी वटी की प्रतिदिन सुबह शाम अनार के जूस या दूध के साथ सेवन करने से शीघ्रपतन की समस्या ख़त्म हो जाती है।[/quote]
[quote]10-15 मि.ली. चन्दनासव की मात्रा लीजिये और इतना ही पानी लीजिये अब दोनों को मिलाकर खाना खाने के बाद सुबह शाम प्रतिदिन सेवन करना चाहिए इससे पुरुष का वीर्य बढ़ता है और उसकी शीघ्र स्खलन की प्रॉब्लम नस्ट हो जाती है।[/quote]
[quote]100 मिली ग्राम घी की मात्रा लीजिये और और थोड़ा सा कामिनीविद्रावण रस को इसमें मिला लीजिये अब रोगी को इसे नियमित दिन में एक बार खाना खाने के बाद सेवन करके तुरंत एक गिलास दूध में थोड़ी सी मिलाकर पीना चाहिए। ऐसा नियमित करने पर शीघ्रपतन की समस्या जल्दी ठीक हो जाती है। [/quote]
शीघ्रपतन के रोगी के लिए परहेज एवं सावधानियाँ :
जब हम आयुर्वेदिक चिकित्सा की बात करते हैं तो रोगी को कुछ परहेज एवं खानपान पर विशेष ध्यान देना पड़ता है, अन्यथा सारी औषधियाँ व्यर्थ चली जातीं हैं। इसलिए शीघ्रपतन के रोगी के लिए भी बहुत जरुरी है कि वो नीचे बतायीं गयीं बातों को रोग निदान के समय जरुर उपयोग करें।
- ऐसा व्यक्ति जिसे इस रोग की समस्या है उसे ज्यादा से ज्यादा हरी साग सब्जियाँ खाना बहुत जरुरी होता है।
- फलों के जूस और सलाद अपने खान पान में जरुर शामिल करना चाहिए।
- अश्लील किताबों से ऐसे रोगी को हमेशा दूर रहना बहुत आवश्यक होता है।
- गन्दी फिल्मो और वीडियो को भी देखना पूरी तरह बंद कर देना चाहिए।
- जितना हो सके खुद को अन्य कामों में व्यस्त रखना चाहिए जिससे उत्तेजना को कण्ट्रोल किया जा सके।
- यदि संभोग करना हो तो प्रतिदिन इसे बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए और सहवास के दौरान बीच बीच में थोड़ा रुक जाना चाहिए इससे शीघ्रपतन को नियंत्रित किया जा सकता है।
- एक ही दिन बार बार संभोग भूलकर भी नहीं करना चाहिए अन्यथा शीघ्र स्खलन की समस्या गंभीर रूप धारण कर सकती है।
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यदि आपको इस विषय में ज्यादा जानकारी चाहिए तो आप विकिपीडिया वेबसाइट पर जाकर पढ़ सकते हैं।
Main shighrapatn ko rokne ke liye hashmi ka mughal-e-azam plus capsule use kiya.
Jo aapne use kiya hai usse kitna fayda mila hai please aap is bare me apna feedback jarur dijiye.
Sir me 17 saal ka hu aur me 3saal see hasthmathun KR RHA hu mere ling ki nsse nikal gai he aur thoda patla ho gaya he.koi dikat he Kya .iska ilaj he.