साँप काटने (Snake Bite) के बाद क्या करें ?
हमारे देश की मिटटी में अनेकों तरह के जीव पाए जाते हैं जिनमें से कुछ बहुत ज्यादा जहरीले होते हैं जिनमें से साँप (snake) एक बहुत जहरीला जीव है। पूरे देश में हर एक साल ढाई लाख से ज्यादा लोग सर्पदंश (snake bite) के शिकार होते हैं जिनमें से लगभग पचास हजार से ज्यादा लोग म्रत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। जिनमें से कुछ लोग लोग ऐसे भी होते हैं जो साँप के काटने के भय मात्र से ही अपने प्राण त्याग देते हैं। हमें पता होना चाहिए कि सारे साँप जहरीले नहीं होते हैं जिनके काटने पर व्यक्ति को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता।

सर्वे में ऐसा पाया गया है कि 50% व्यक्ति ऐसे साँपों के सर्पदंश के शिकार होते हैं जिनमें जहर या तो बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है या फिर बिल्कुल ही जहरीले नहीं होते हैं।
अब में आपको कुछ ऐसी जहरीले साँपों की प्रजातियों के बारे में बताने जा रहा हूँ जो भारत देश में पाए जाते हैं और साथ ही साथ हम ये भी बताएँगे कि किस प्रजाति के साँप के व्यक्ति को काटने से किस तरह के लक्षण दिखाई देते।
भारत में पाए जाने वाले जहरीले साँप के प्रकार:
इंडिया में प्रमुख रूप से चार तरह के जहरीले साँप पाए जाते हैं जिनके काटने पर व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं। यहाँ पर में एक बात स्पष्ट करना चाहता हूँ कि इन चार तरह के सर्पों के काटने पर सबके के अलग अलग लक्षण दिखाई देते हैं।
1. सामान्य कोबरा –
कोबरा साँप का सिर उतना ही बड़ा होता है जितना कि इसकी गर्दन लम्बी होती है। ये एक तरह से उतने लम्बे नहीं होते और यदि ये किसी व्यक्ति को कपड़े के साथ काटना चाहें तो तो ये कामयाब नहीं हो पाते क्योंकि इनके जहरीले दांत उतने ज्यादा लम्बे नहीं होते हैं। इसे सामान्य भाषा में नाग भी कहा जाता है।
कोबरा सांप काटने के लक्षण:
- जब किसी व्यक्ति को कोबरा साँप काटता है तो सर्पदंश वाली जगह पर तेज दर्द होता है।
- व्यक्ति का जी मिचलाने लगता है और उसे उल्टियाँ आना स्टार्ट हो जातीं हैं।
- हाँथ पैरों में बेहद कमजोरी का अहसास होने लगता है और आँखों से कम दिखाई देने लगता है।
- कोबरा के सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को साँस लेने में तकलीफ होती है और उसे बोलने में भी काफी परेशानी महसूस होती है।
- व्यक्ति के पेट में दर्द और मुँह से लार अपने आप निकलने लगती है।
2. फूरसा (Saw-scaled viper) –
इस साँप की लम्बाई बहुत कम होती है, यदि विशेषज्ञों की मानें तो इसकी लम्बाई लगभग एक फुट से भी कम होती है। इसकी एक और अनोखी पहचान होती है कि इसके सिर पर एक तीर का निशान बना होता है। यह उतना जहरीला साँप नहीं होता है जितना कि कोबरा होता है, यदि फूरसा किसी को अपनी सर्पदंश का शिकार बना ले तो व्यक्ति में निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं –
Saw-scaled viper सर्पदंश के लक्षण :
- इस सर्प (snake) के द्वारा काटे गए व्यक्ति के उस जगह पर कई दिनों तक दर्द रहता है जहाँ उसने काटा है।
- जहाँ पर व्यक्ति को काटा है उस जगह पर बड़ा सा छाला या फफोला पड़ जाता है।
- सर्पदंश वाली जगह पर गलन पैदा हो जाती है, मतलब वो जगह गलने लगती है और बहुत तेज दुर्गन्ध आना स्टार्ट हो जाती है।
3. दुवोइया (Russell’s viper) साँप –
यह साँप पूरे इंडिया में पाया जाता है इसकी लम्बाई फूरसा (Saw-scaled viper) से ज्यादा होती है लेकिन आधा मीटर से कम ही होती है। इसके पीठ की चमड़ी का रंग भूरा होता है लेकिन उसकी पीठ पर काले रंग के अंगूठी जैसे धब्बे पाए जाते हैं। यदि इसके जहर की बात की जाये तो ये भारत में पाए जाने वाले जहरीले साँपों में से सबसे जहरीला होता है।
Russell’s viper कभी भी किसी व्यक्ति को अपनी सर्पदंश का शिकार सामने से आकर नहीं बनाता बल्कि ये व्यक्ति के बगल (साइड) में आकर काटता है। लेकिन इसकी एक बात और है कि व्यक्ति को काटने से पहले एक जोरदार फुसकार देकर उसे चेतावनी देता है और उसके बाद काट लेता है।
Russell’s viper सांप काटने के बाद के लक्षण:
- इस snake ने व्यक्ति को जहाँ पर काटा है उस जगह पर असहनीय पीड़ा होती है और गहरा घाव भी पड़ जाता है।
- सर्पदंश वाली जगह पर बहुत तेज जलन होने के साथ साथ तेजी से खून भी निकलता है।
- कुछ घंटों बाद काटे हुए स्थान पर नीला चकता पड़ जाता है।
- जिस व्यक्ति को ये अपना शिकार बना लेता है उसके मुँह, नाक और कान से खून बहने लगता है इसके साथ ही मूत्र मार्ग से भी खून आना स्टार्ट हो जाता है।
- व्यक्ति का ब्लड प्रेशर कम होता चला जाता है जिसकी वजह से कुछ ही घंटों में व्यक्ति की मौत भी हो जाती है।
4. करैत (Bungarus caeruleus) साँप –
करैत snake भी सम्पूर्ण भारतवर्ष में पाए जाना वाला जीव है, इसका जहर सबसे खतरनाक होता है यदि हम इसे आसान शब्दों में कहें तो ये भारत में पाए जाने वाले साँपों में से काफी जहरीला होता है। इसकी लम्बाई लगभग डेढ़ से दो मीटर तक होती है।
हालाँकि कोई भी जानवर किसी भी व्यक्ति पर ऐसे ही हमला नहीं करता लेकिन उन्हें लगता है कि उनके ऊपर कोई खतरा है तो वो अपनी सुरक्षा करने के लिए आक्रमण कर देते हैं।
इसी प्रकार कौड़ियाला या करैत साँप भी अपने भोजन की तलास में रात में निकलता है और यदि उसके ऊपर व्यक्ति का पैर रख जाये तो वो डसने से पीछे कभी नहीं हटता।
करैत (Bungarus caeruleus) सर्पदंश के लक्षण –
- इसके द्वारा काटे गए व्यक्ति को बहुत तेज घबराहट और उल्टी होने लगतीं है।
- सर्पदंश वाली जगह पर बहुत ज्यादा पीड़ा होती है और शरीर में सनसनाहट सी महसूश पड़ती है।
- आँखों से कम दिखाई देने लगता है और मुँह से झाग निकलना स्टार्ट हो जाता है।
- यदि इस सांप के द्वारा काटे गए व्यक्ति का जल्दी उपचार नहीं किया जाये तो वो चार पाँच घंटों में ही अपनी दम तोड़ देता है।
अभी आपने विभिन्न जहरीले सांप की जानकारी और उनके काटने पर क्या लक्षण देखने को मिलते हैं उनके बारे में जाना है, अब में आपको सर्पदंश की पहचान के बारे में बताना चाहूँगा।
सर्पदंश की पहचान :
कई बार आपने देखा और सुना होगा कि किसी व्यक्ति को सर्प ने काट लिया है लेकिन बाद में पता चलता है कि चूहे या अन्य जीव ने काटा था। इसलिए इस बारे में जानकारी होना बहुत जरुरी हो जाता है कि हम ऐसी स्थिति में कैसे पहचान सकते हैं कि किसी सर्प ने काटा है या अन्य जीव ने ? तो चलिए इसके बारे में भी जान लेते हैं –
जब किसी व्यक्ति को साँप काटता है तो उस जगह पर एक या दो दांतों के निसान मिलते हैं। कभी कभी छिला हुआ सा दिखता है जो एक लाइन जैसी बन जाती है।
जब कोई सर्प काटता है तो उस जगह पर सांप के काटने का निशान बन जाता है मतलब दो दाँतों का निशान स्पष्ट दिखाई देता है और उस जगह पर तुरन्त सूजन आना स्टार्ट हो जाती है। सर्पदंश की सबसे बड़ी पहचान ये होती है कि व्यक्ति के मुँह से खून युक्त झाग या बलगम लगातार निकलता रहता है।
सांप काटने पर प्राथमिक उपचार:
जब किसी व्यक्ति को सांप काट लेता है तो वो आन्तरिक रूप से पूरी तरह घबरा जाता है, इसलिए सर्पदंश के उपचार के रूप में सबसे पहला काम ये होना चाहिए कि व्यक्ति को जितना हो सके उसे घबराने से बचाना चाहिए और उसे जितना हो सके शांत रखना चाहिए।
व्यक्ति के जिस अंग पर काटा है उसे किसी भी तरह से हिलने डुलने से पूरी तरह बचाना चाहिए जिससे उसका जहर शरीर के अन्य भागों में रक्त के साथ मिलकर प्रवाहित ना हो सके। क्योंकि वो सर्पदंश वाला अंग जितना ज्यादा हिलेगा उतनी ही जल्दी जहर उसके शरीर में फैलेगा।
यदि किसी व्यक्ति को पाँव में काटा हो तो उस व्यक्ति को बिल्कुल भी पैदल चलाने की हिमाकत नहीं करनी चाहिए नहीं तो जहर तुरन्त फैल जायेगा और बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है, इलाज में देरी होने पर व्यक्ति की मौत होने के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं इस परिस्थिति में।
जहाँ भी व्यक्ति को सर्प ने काटा हो वहाँ पर सांप काटने का निशान बन जाता है तो उस निसान के थोड़ा सा ऊपर और थोड़ा सा नीचे की तरफ दोनों जगह किसी मोटे धागे या पतले कपड़े से कठोरता के साथ बाँध देना चाहिए जिससे शरीर में जहर नहीं फैल पायेगा और उपचार के लिए अच्छा time भी मिल जायेगा।
प्राथमिक उपचार के रूप में सांप काटने की होम्योपैथिक दवा:
कुछ नीम हकीम सांप काटने का मंत्र उपयोग करके व्यक्ति के शरीर से जहर खत्म करने का काम भी करते हैं लेकिन कुछ लोगों की जान बच जाती है और कुछ लोग जान गँवा देते हैं अब इसमें कितनी सच्चाई है इस पर में कुछ नहीं कह सकता लेकिन हाँ कुछ प्राथमिक उपचार हमें तुरन्त जरुर कर लेना चाहिए।
[quote]नागा 200, 5ml जिस व्यक्ति को सांप ने काटा है उसे एक एक बूँद हर 10 मिनट के अंतर से सिर्फ तीन बार पिला दीजिये, ध्यान रहे इसकी बूंद सीधे जीभ पर डालना है इससे ज्यादातर सर्पदंश के मरीजों की जान बच जाती है।[/quote]
[quote]एक सिरेंज लीजिये और उसकी सुई हटा दीजिये, अब सुई फिट करने वाली जगह को काट दीजिये, मतलब जहाँ सुई फिट होती है उस जगह को काटना है फिर सिरेंज एक दम पाइप की तरह हो जाएगी, अब जहाँ पर साँप काटने के निसान हों उस जगह पर सिरेंज रखकर 5-6 सिरेंज खून चूस लीजिये सिरेंज के माध्यम से। इस विधि से मरीज के बचने के 99% चांस हो जाते हैं।[/quote]
इन दोनों प्राथमिक सर्पदंश के उपचार को एक साथ प्रयोग करने पर मरीज की जान बच जाती है, लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि अब आपको डॉक्टर की सलाह लेने की जरुरत नहीं है। मेरी आखिरी सलाह यही है कि ये जहर वाली बात है इसलिए प्राथमिक उपचार के साथ ही तुरन्त किसी अच्छे चिक्तिसक के पास सर्पदंश के मरीज को ले जाना अत्यंत आवश्यक होता है।