स्वप्नदोष रोग को लेकर विशेषज्ञों के अपने अलग अलग मत सामने आते रहते हैं कुछ विशेषज्ञ इसे कोई हानिकारक बीमारी नहीं मानते जबकि कुछ आयुर्वेद विशेषज्ञ स्वप्नदोष को शरीर और दिमाग के लिए बहुत हानिकारक मानते हैं। यदि देखा जाये तो आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में इस बीमारी का कोई जिक्र नहीं किया गया है, जिससे यही अनुमान लगाया जा सकता है कि उस समय में इस तरह का कोई रोग नहीं था। इसलिए कह सकते हैं कि आजकल के बदले हुए माहौल के कारण ही पुरुषों में या समस्या उत्पन्न हुयी है। जो लोग अश्लीलता और कामुकता वाले माहौल के ज्यादा करीब होते हैं वही स्वप्नदोष के शिकार ज्यादातर पाए जाते हैं।
कामुक कल्पनाएँ पुरुष के दिमाग में इतनी गहराई से उतर जातीं हैं कि जब वह व्यक्ति नींद में होने पर अपनी पसंद की लड़की के साथ मैथुन क्रिया का स्वप्न देखते हुए वीर्य स्खलित कर बैठता है। इसी को स्वप्नदोष कहा जाता है।
हालाँकि वीर्य स्खलन की क्रिया स्वप्न में होती है लेकिन वास्तविक रूप में वीर्य की क्षति तो हो ही जाती है।
यदि किसी व्यक्ति को सप्ताह में एक या दो बार स्वप्नदोष होता है तो इससे कुछ खास नुकसान नहीं होता है लेकिन यदि यही प्रतिदिन या दो दिन के अंतराल से होने लगे तो यह शारीरिक रूप से हानिकारक होता है।
स्वप्नदोष के रोगी को कमजोरी, सिरदर्द, स्मरण शक्ति कमजोर होना, अनिद्रा या नींद ना आने की समस्या, सर्दी के मौषम में ज्यादा ठण्ड महशूश करना, गर्मी के मौषम में ज्यादा गर्मी का अहसास होता है।
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ऐसे रोगी का शरीर कमजोर रहता है और उसे ठीक से खाना भी नहीं पचता। यदि वो महिला पार्टनर के साथ सहवास करता है तो शीघ्रपतन हो जाता है।
ऐसे लड़के लड़कियों से बात करने से कतराते हैं और उनके मन में यह संका भी घर कर जाती है कि उन्हें नपुंसकता रोग होने वाला है।
स्वप्नदोष की अधिकता से उनके बाल कम उम्र में ही सफेद होने लगते हैं, चेहरे की चमक खत्म होने लगती है। इस तरह के रोग से पीड़ित व्यक्तियों को पेशाब करते समय जलन होती है और आँखों की रोशनी कम होने लगती है।
स्वप्नदोष क्यों होता है इसके क्या कारण होते हैं :
यह रोग पूरी तरह से मस्तिष्क से जुड़ा हुआ है, व्यक्ति के कामुक विचारों को बार बार अपने दिमाग में लाना, अश्लील पुस्तकें और वीडियो को देखना, गलत लोगों के साथ रहना इस रोग के उत्पत्ति के प्रमुख कारण होते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को लगातार कब्ज की सिकायत हो तो ऐसी समस्या की वजह से स्वप्नदोष जैसी बीमारी हो जाती है।
कुछ लोगों को मूत्र त्यागने की इच्छा होने पर उसे रोककर रखते हैं उन्हें भी इस रोग का सामना करना पड़ सकता है।
यदि कोई कम उम्र में ही स्त्री के साथ काफी समय से सम्भोग करता रहा हो और फिर उसके सामने स्त्री का अभाव पैदा हो जाये तो इस तरह का रोग उत्पन्न हो जाता है।
यदि कोई व्यक्ति मादक पदार्थ जैसे चरस, गाँजा का अधिक सेवन करता हो तो उसे इस तरह की बीमारी से भी सामना करना पड़ सकता है।
यदि कोई पुरुष छोटी उम्र में वेश्यागमन, अत्यधिक रोमांटिक माहौल में रहना, ज्यादा तीखा और मसालेदार भोजन का सेवन करता है तो उसे भी स्वप्नदोष रोग से ग्रसित होना पड़ सकता है।
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यदि कोई पुरुष अत्यधिक साइकिल की सवारी करता है, किसी सुन्दर युवती के साथ ज्यादा रहता है और शारीरिक मेहनत बहुत कम करता है तो यह रोग उत्पन्न हो सकता है।
अपने दोस्तों के साथ कामोत्तेजना सी भरी बातें करना, इंटरनेट पर गंदी फ़िल्में देखना, मन में ज्यादातर कामोत्तेजना से भरे हुए विचारों के बारे में सोचना ये सब स्वप्नदोष की बीमारी को निमंत्रण देते हैं।
स्वप्नदोष के साइड इफ़ेक्ट एवं लक्षण :
यदि कोई व्यक्ति इस रोग से पीड़ित हो तो उसे अत्यधिक स्वप्नदोष होने की वजह से उसका शरीर पीला पड़ने लगता है।
ऐसे रोगी के चहरे की रोनक खत्म हो जाती है, गाल पिचक जाते हैं और उसकी आँखें अन्दर की तरफ धँसी हुयी नजर आतीं हैं।
स्वप्नदोष के रोगी को आँखों से कम दिखाई देने लगता है और उसके सिर के बाल सफेद होने लगते हैं एवं रोगी के कमर के साथ साथ सारे बदन में दर्द रहने लगता है।
हथेली और पैरों के तलवों में अत्यधिक पसीना आने लगता है और उसके ह्रदय की धड़कन सामान्य से ज्यादा तेज हो जाती है इसके साथ साथ उसके सिर में हमेशा दर्द बना रहता है।
यदि स्वप्नदोष से पीड़ित रोगी थोड़ी सी भी मेहनत कर लेता है तो उसे बहुत जल्दी और अत्यधिक थकावट का अहसास होने लगता है।
ऐसे रोगियों की याददास्त कमजोर होती चली जाती है और वो थोड़ी देर भी अकेले में खाली बैठ जाते हैं तो उन्हें नींद और आलस आने लगता है।
ऐसे व्यक्ति जो इस रोग से ग्रसित हो उसका स्वभाव चिडचिडा हो जाता है छोटी छोटी बात पर भड़क जाता है।
ऐसे रोगी को अत्यधिक समय से स्वप्नदोष होने की वजह से उसके वीर्य में शुक्राणुओं की बहुत ज्यादा कमी आ जाती है जिससे वो अपने दाम्पत्य जीवन में संतानहीनता का शिकार हो जाता है।
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स्वप्नदोष का आयुर्वेदिक इलाज :
स्वप्नदोष का इलाज करके पूरी तरह स्वस्थ होना कोई कठिन काम नहीं है लेकिन दवा से ज्यादा आपको अपने दिमाग पर कण्ट्रोल करना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है, जो रोगी अपने मस्तिष्क पर नियंत्रण कर लेगा तो नीचे बताई गयी स्वप्नदोष की आयुर्वेदिक दवा बहुत अच्छा प्रभाव डालेगी और रोगी जल्दी ठीक हो सकता है –
Spemanforte स्पीमैनफोर्ट – इसे हिमालया कंपनी के द्वारा प्रोवाइड किया जाता है इसकी एक एक गोली दिन में तीन बार सुबह दोपहर और शाम लगातार 15-30 दिन तक ताजे जल के साथ सेवन करना चाहिए।
स्वप्नहरी लिक्विड – ये डाबर कंपनी का ले सकते हैं इसको दिन में तीन बार एक एक चम्मच सेवन करने से भी स्वप्नदोष रोग का निवारण हो जाता है।
स्वप्नहरी टेबलेट – इसे भी डाबर कंपनी ही बनाती है इसकी एक एक गोली दिन में दो बार ठन्डे पानी के साथ सेवन करके भी इस रोग से मुक्ति पा सकते हैं।
ध्यान रहे ऊपर बताई गयी आयुर्वैदिक दवायों में से किसी एक का ही प्रयोग करना है जो आपको उचित लगे और आसानी से मिल जाये।
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