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कान में दर्द होने के क्या कारण होते हैं ? कान दर्द का घरेलू उपचार

10/09/2017 by Hindi Health Gyan Leave a Comment

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कान दर्द किसी भी अवस्था में हो सकता है चाहे बच्चा हो, जवान हो या फिर वृद्ध हो, सभी को कभी कभी ना कभी इस परेशानी से जूझना पड़ता है। यहाँ तक कि दूध पीने वाले बच्चों को भी ये रोग हो जाता है। कान में पीड़ा होने का सबसे बड़ा कारण उसमें धूल मिटटी इकठ्ठा होना होता है। क्योंकि जब हमारे कान में जो मिटटी जमा हो जाती है वो पानी भरने के बाद फूल जाती है जिससे बहुत असहनीय पीड़ा होने लगती है। कान का दर्द कई बार दूसरे रोगों के कारण भी होने लगता है।

Kaan ke dard ka gharelu ilaj

आज की भाग दौड़ भरी जिन्दगी में ज्यादातर व्यक्ति अपने कानों की सफाई की तरफ ध्यान नहीं दे पाते, जिससे कई प्रकार की गंदगी इकठ्ठी हो जाती है और जब हमारे कानों में नहाते समय पानी चला जाता है तो वह गंदगी फूल जाती है जिससे दर्द होने लगता है।

कई बार कान के अंदरूनी भाग में फुंसी हो जाती है जिसकी वजह से पीड़ा होना start हो जाती है। कभी कभी जब हमारे कानों में खुजली होती है तो हम किसी पतली चीज को अन्दर डालकर खुजलाने लगते हैं जिससे कई बार चोट लग जाती है जिसकी वजह से भी बहुत ज्यादा पीड़ा होने लगती है।

कान दर्द होने के कारण:

कान में दर्द होने के कुछ प्रमुख कारणों के बारे में आगे बता रहा हूँ –

  • दांतों के निकलने से कानों में दर्द होने लगता है।
  • दाँतों में कीड़ा या मशूड़ों में सूजन की वजह से भी पीड़ा होने लगती है।
  • कई बार मसूड़ों में संक्रमण होने पर भी कानों में असहनीय दर्द होने लगता है।
  • किसी किसी को टोंसिल में problem होने के कारण भी कानों का दर्द चालू हो जाता है।
  • कानों में धूल मिटटी जैसी गंदगी जमा हो जाने की वजह से इस तरह की समस्या उत्पन्न होना स्वाभाविक होती है।

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कान दर्द के लक्षण :

  • कान में बहुत तेज या असहनीय पीड़ा होती है।
  • दर्द की वजह से व्यक्ति चिल्लाने लगता है।
  • व्यक्ति को बहुत थकावट महशूश होती है और कान में जख्म होने पर पानी जैसा तरल पदार्थ निकलने लगता है।
  • रोगी जब कुछ खाता है तो उसे निगलने में बहुत तेज दर्द होता है।
  • असहनीय दर्द की वजह से कभी कभी रोगी को चक्कर आने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।
  • कान के दर्द से पीड़ित व्यक्ति खुद को वेचैन और घबराया हुआ महशूश करता है।

ये जो ऊपर बताये गए हैं कुछ प्रमुख कान रोग के लक्षण हैं, इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को वात की समस्या हो तब भी कान में दर्द होना चालू हो जाता है।

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कान का दर्द के उपाय:

अब में आपको कुछ ऐसी कान दर्द की दवा के बारे में बताने जा रहा हूँ जिन्हें आप अपने घर पर आसानी से प्रयोग करके दर्द को हमेशा के लिए समाप्त कर सकते हैं –

सरसों का तेल में थोड़ी सी हिंगोट मिलाकर उसे गर्म कर लीजिये और हल्का गर्म चार – चार बूँद कान में डालिए ऐसा करने से आपके कानों का दर्द बिल्कुल ख़त्म हो जायेगा।

नीबू, कैथ और बिजौरा के रस को हल्का गर्म करके कान में डालने के बाद ऊपर से थोड़ा सा समुद्र फेन का चूर्ण कान में डालने से पीड़ा समाप्त हो जाती है।

लहसन को तिल के तेल में अच्छा गर्म करके या तलकर उसे छान लीजिय फिर थोड़ी देर तक तेल को ठण्डा कीजिये और हल्का गर्म रहने के बाद दो दो बूँद कान में डालिए इससे असहनीय दर्द पूरी तरह ठीक हो जायेगा। ध्यान रहे ज्यादा गर्म तेल आपके कान को भारी नुकसान पहुँचा सकता है, इसलिए थोड़े गुनगुने तेल का ही प्रयोग करें।

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कान दर्द के रोगी के लिए खान पान एवं परहेज :

♣  इस तरह के व्यक्ति को ठण्डा पानी पीने से पूरी तरह बचना चाहिए और जहाँ तक हो सके सभी तरह की ठण्डी चीजें खाने की इच्छा भी ना करें।

♣  नदी या स्वीमिंग पूल में बिलकुल भी नहीं नहाना चाहिए।

♣  ठण्ड के मौषम में अपने कानों को हमेशा किसी गर्म कपडे से छुपाकर रखना बहुत जरुरी होता है।

♣  कान दर्द के रोगी को संतरा, गन्ने का जूस, मूली, गाजर, अरवी, भिण्डी, गोभी, वैगन और अनार का सेवन भूलकर भी नहीं करना है।

♣  घी, दूध, पुराने चावल, मूंग, जौ इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। और ध्यान रहे किसी कठोर चीज चबाने और सिर पर ज्यादा बोझ   रखने से बचना बहुत जरुरी है।

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यदि किसी व्यक्ति को बताये गए उपायों से उसका कान दर्द ठीक नहीं होता है तो जितना जल्दी हो सके किसी उचित डॉक्टर से परामर्श कर अपना इलाज करवाएं। वैसे ठीक ना हो ऐसा संभव नहीं है बस बताये हुए नुस्खों को सही तरह से इस्तेमाल करना होगा।

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