Malaria Fever मलेरिया बुखार एक संक्रामक रोग होता है जो ज्यादातर एक विशेष प्रकार के मच्छर के काटने से फैलता है। यदि किसी को ये बुखार आता है तो मरीज को बहुत तेज सर्दी लगती है और इसके साथ साथ बुखार भी बहुत तेज आता है जो कुछ समय के बाद अपने आप पसीना आने पर उतर जाता है। फीमेल एनाफिलीज मच्छर में एक विशेष प्रकार का खतरनाक जीवाणु पाया जाता है जिसे वैज्ञानिक भाषा में प्लाजमोडियम नाम से जाना जाता है। वैसे यदि हम अपने आस पास गंदगी इकठ्ठी न होने दें तो इस मच्छर को पनपने से रोका जा सकता है।
Malaria Fever मलेरिया के कारण :
इस मच्छर के ऊपर जब अनुसंधान वैज्ञानिकों द्वारा किया गया तो पता चला है कि मादा मच्छर में पाया जाने वाला जीवाणु की चार जातियाँ पायीं गयीं जो निम्न प्रकार हैं –
- प्लाजमोडियम वाईवैक्स
- प्लाजमोडियम ओवेल
- प्लाजमोडियम फेल्सीपेरम
- प्लाजमोडियम मलेरी
ये चार प्रकार की जातियों वाले जीवाणु मादा एनाफिलीज मच्छर में पाए जाते हैं। यदि ये किसी भी व्यक्ति को काट ले तो उसके ब्लड या रक्त में ये जीवाणु पहुँचकर रक्त को प्रदूषित करते हुए शरीर के अन्य प्रमुख पार्ट में भयंकर संक्रमण उत्पन्न कर देता है जिसकी वजह से मरीज को जोरदार ठण्ड के साथ बुखार आना स्टार्ट हो जाता है जिसे हम malaria fever मलेरिया बुखार कहते हैं।
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Malaria Fever मलेरिया बुखार के लक्षण :
यदि विशेषज्ञों के अनुसार मलेरिया के लक्षण बहुत तरह के होते हैं लेकिन हम सिर्फ कुछ सामान्य और प्रमुख लक्षणों के बारे में आपको जानकारी दे देते हैं –
- यदि किसी व्यक्ति को मलेरिया रोग हो जाये तो उसका जी मिचलाने लगता है और उल्टी आने जैसा मन होने लगता है।
- रोग की स्टार्टिंग में रोगी को बदन दर्द की प्रॉब्लम होने लगती है और बार बार पानी पीने की इच्छा होती है लेकिन पानी का स्वाद अजीब लगता है।
- इस तरह के मरीज को बहुत तेज ठण्ड लगने लगती है जिसकी वजह से उसका शरीर काँपने लगता है, सर्दी इतनी तेज लगती है कि रजाई जैसी कोई भी चीज ओढने पर भी शरीर में कंपन होता रहता है।
- पीड़ित व्यक्ति को उल्टियाँ होने लगतीं हैं और उसके हाथ पैर बहुत ज्यादा ठन्डे पड़ जाते हैं।
- कभी कभी मरीज के शरीर का तापमान अचानक बढ़ जाता है और इसके साथ ही तेज ठण्ड लगती है, ऐसी स्थिति उसकी 2-4 घंटे तक बनी रह सकती है जिसकी वजह से रोगी को छटपटाहट होती है और कुछ भी उल्टा सीधा बोलने लगता है। इस स्थिति में तुरंत किसी डॉक्टर से परामर्श करके मलेरिया का इलाज लेना बहुत आवश्यक होता है।
- Malaria Fever के मरीज को इस तरह 2-3 घंटे तक तेज बुखार रहता है और इसके बाद बहुत ज्यादा पसीना आने लगता है जिसके बाद मरीज का fever ठीक हो जाता है।
- जब कोई व्यक्ति इस रोग से पीड़ित होता है तो उसे कंपकपी आने के साथ बुखार आता है इस समय वो शरीर में बहुत कमजोरी महसूश करता है।
- इस तरह के मरीज को सिर दर्द, कमर और पीठ में दर्द, हाथ पैरों में टूटन या जकडन महसूश होती है।
- कभी कभी मलेरिया की जाँच में भी इसका पैरासाइट मौजूद नहीं मिलता जिसकी वजह से इस रोग को डॉक्टर भी जल्दी समझ नहीं पाते जिसकी वजह से इसका सही इलाज नहीं हो पता। लेकिन यदि स्टइनल पंक्चर के द्वारा रक्त की जाँच की जाये तो मलेरिया के जीवाणु मौजूद मिलते हैं।
Malaria Fever मलेरिया के प्रकार :
विशेषज्ञों के अनुसार इस रोग के 6 प्रकार देखने को मिलते हैं जिन्हें हम नीचे लिख रहे हैं –
Vivex Malaria वाईवैक्स मलेरिया – आमतौर पर सबसे ज्यादा इसी तरह के मलेरिया बुखार लोगों में देखा जाता है। इसके लक्षण कुछ ज्यादा उत्तेजित अवस्था में होते हैं।
स्टार्टिंग में रोगी के कमर में दर्द, सिर दर्द और हाथ पैरों में पीड़ा के साथ साथ भूख न लगने की सिकायत रहती है और कुछ समय के उपरांत तेज कंपकपी के साथ तेज fever आने लगता है और कुछ समय के बाद पसीना आने पर व्यक्ति नार्मल सा महसूश करने लगता है। वाईवैक्स मलेरिया ज्यादातर दिन के समय आता है।
Cerebral malaria सेरीब्रल मलेरिया – इसमें मरीज को बहुत ही तेज fever आता है, व्यक्ति को आँखें खोलने में भी पीड़ा होती है। किसी किसी रोगी के साथ ऐसा भी होता है कि उसे अत्यधिक बुखार आने की वजह से दौरे भी आने लगते हैं क्योंकि मरीज के दिमाग पर ये fever चढ़ जाता है, इसलिए इसे दिमागी मलेरिया बुखार भी कहा जाता है।
यह प्लाजमोडियम फैल्सीपेरम नाम के जीवाणु से फैलता है। यदि इसमें मरीज को तुरन्त डॉक्टर के पास ना ले जाया जाये तो कभी कभी रोगी की death मौत भी हो जाती है।
Falciparum malaria फैल्सीपेरम मलेरिया – इसमें रोगी को बहुत तेज ठण्ड लगती है और बहुत तेज fever आता है, व्यक्ति को ऐसा लगता है जैसे उसका सिर दर्द के मारे फटा जा रहा हो।
इसमें कुछ रोगियों को उल्टियाँ होने लगतीं हैं और कुछ मरीजों की पेसाब होना बंद हो जाती है। अत्यधिक बुखार होने पर व्यक्ति बेहोश हो जाता है और और कुछ भी अंड संड बकने लगता है।
Falciparum malaria में ज्यादातर रोगियों को सन्नपात हो जाता है मतलब उन्हें मालूम ही नहीं चलता कि उनके साथ क्या हो रहा है और वो क्या क्या बके जा रहे हैं। यह एक बहुत ही खतरनाक malaria fever होता है इसमें मरीज की म्रत्यु भी हो जाती है।
Malarial malaria मलारियाई मलेरिया – जब यह रोग किसी व्यक्ति को होता है तो उसके यूरिन या मूत्र के साथ प्रोटीन भी बाहर जाने लगता है जिसकी वजह से मरीज के रक्त में प्रोटीन की कमी हो जाने से सूजन आने लगती है।
इसकी सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि यह बुखार मरीज को हर चौथे दिन आता है, मतलब 72 घंटे में सिर्फ एक बार fever आता है और ऐसा हर 72 घंटे के बाद रिपीट होता रहता है।
Latent Malaria लेटेन्ट मलेरिया – यदि किसी रोगी को इस तरह का fever आता है तो उसके शरीर में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन मलेरिया पैरासाइट मरीज के ब्लड में मौजूद रहता है। इसी स्थिति की वजह से इसकी पहचान करना थोड़ा मुस्किल हो जाता है सिर्फ ब्लड टेस्ट कराने पर ही मालूम चलता है।
Ovale Malaria ओवेल मलेरिया – यह एक नार्मल या सामान्य रूप का malaria fever होता है। इसमें रोगी को तीसरे दिन बुखार आता है और अपने आप ही ठीक हो जाता है।
मलेरिया से बचाव करने के तरीके :
यदि देखा जाये तो malaria fever सिर्फ मच्छरों के काटने से फैलता है और यदि हम कुछ ऐसे उपाय या सावधानियाँ रखें जिससे हमारे आस पास मच्छर पैदा न हों इसके लिए निम्न प्रकार के उपाय कर सकते हैं –
- घर के कोनों में कीटनाशक का छिडकाव एक विशेष अन्तराल के बाद करते रहें।
- मकान की छत पर कोई भी पुरानी चीजें इकठ्ठी न होने दें।
- Malaria fever बारिश के मौषम में ज्यादा फैलता है जिसका सबसे बड़ा कारण हमारे आस पास गंदगी इकठ्ठी होना होता है, इसलिए खासकर इस मौषम में अपने आस पास की जगह को साफ सुथरा रखना चाहिए।
- यदि आपके घर में कुछ पौधे लगे हुए हैं तो उन पर भी कीटनाशक का छिडकाव करते रहना चाहिए।
- ऐसे भोजन का सेवन कभी भी नहीं करना चाहिए जो अच्छी तरह ढँककर न रखा गया हो, क्योंकि ऐसा खाना संक्रमित होता है और ये रोग भी संक्रमण के कारण ही फैलता है।
- सोते समय हमें मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।
- स्वच्छ पानी का ही सेवन करे और पीने से पहले ये जरुर कन्फर्म कर लें कि ये पानी अच्छी तरह ढँककर रखा गया हो।
- अपने आस पास कभी भी गंदे पानी को जमा न होने दें क्योंकि गंदे पानी में ही सबसे ज्यादा मच्छर पनपते हैं।
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Malaria fever मलेरिया का आयुर्वेदिक उपचार :
मलेरिया ट्रीटमेंट या मलेरिया की दवा तभी use कर सकते हैं जब आपको अच्छे से मालूम हो कि रोगी को malaria fever ही है, और इसका पता सिर्फ खून की जाँच करवाने पर ही चलता है। इसलिए कोई भी मलेरिया उपचार करने से पहले आपको इसके होने की सही जानकारी होना बहुत जरुरी होता है।
अब हम आपको कुछ ऐसे उपचार बताने जा रहे हैं जिन्हें आप मलेरिया के रोगी पर प्रयोग कर सकते हैं –
[quote]थोड़ी सी फिटकरी लीजिये और उसे तवे पर भून लीजिये फिर इस भुनी हुयी फिटकरी का चूर्ण बना लीजिये। अब रोगी को आधा चम्मच चूर्ण उस समय देना है जब मरीज को बुखार न हो या ठीक हो गया हो। इस तरह से आधा आधा चम्मच चूर्ण हर 3 घंटे के बाद देते रहें, ऐसा 3-5 दिन तक लगातार करें इससे उसका malaria fever जल्दी ठीक हो जायेगा।[/quote]
[quote]10 ग्राम मुनक्का लीजिये और 10 ग्राम अदरक लीजिये अब एक गिलास पानी में इन दोनों को मिलाकर उबालिए और जब ये पानी लगभग आधे से भी कम रह जाये तो इसे ठंडा करके रोगी को पिला दीजिये, ऐसा आप 3-4 दिन तक कीजिये मरीज जल्दी ठीक हो जायेगा।[/quote]
[quote]10 मिली ग्राम प्याज के रस में 5 काली मिर्च पीसकर मिला लीजिये अब इसे रोगी को एक दिन में सुबह, दोपहर और शाम तीनों टाइम पिलाइए, ऐसा 2-3 दिन तक कीजिये मरीज को जल्दी आराम मिल जायेगा।[/quote]
[quote]एक चम्मच शहद, आधी चम्मच काली मिर्च का पाउडर, एक चम्मच दालचीनी इन सबको एक गिलास पानी में मिलाकर उबाल लीजिये और जब पानी आधा रह जाये तो ठंडा करके मरीज को पिला दीजिये इससे malaria fever बहुत जल्दी ठीक हो जायेगा।[/quote]
Malaria fever मलेरिया बुखार के रोगी के लिए परहेज :
जब कोई व्यक्ति किसी भी बीमारी से ग्रसित होता है तो आयुर्वेद में परहेज का बहुत बड़ा महत्व होता है इसलिए मलेरिया के मरीज को भी अपने खान पान पर विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है तभी कोई भी दवाई सही तरह से अपना असर दिखा पाती है –
- यदि रोगी को भूख न लगने की समस्या हो तो उसे जबरदस्ती खाना न खिलाएं बल्कि किसी सब्जी का सूप या दूध देना चाहिए।
- जब मरीज को भूख महसूश होने लगे तो उसे दलिया और चावल देना फायदेमंद रहता है।
- पत्ते वाली हरी सब्जियाँ जैसे मूली के पत्तों की सब्जी, मैथी, इत्यादि मरीज को देना चाहिए।
- रोगी को किसी भी तरह के शीतल पेय पदार्थों से पूरी तरह दूर रहना चाहिए या कोल्ड्रिंक्स जैसी चीजों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- जितना हो सके फलों के जूस रोगी को पिलाते रहना चाहिए जिससे प्रोटीन की कमी नहीं आती है।
- मरीज को पूरी तरह से विस्तर पर आराम करना चाहिए।
- ऐसे व्यक्ति को सुबह और शाम के समय में खुली हवा में कुछ समय के लिए जाना चाहिए।
- Malaria fever के रोगी को नहाना पूर्णतः वर्जित है, लेकिन सफाई के लिए गुनगुने पानी से शरीर को पोंछते रहना चाहिए।
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यदि किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा परेशानी है तो उसे तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श करके उचित जाँच और उपचार लेना ही समझदारी का परिचायक होगा।
बहुत अच्छी जानकारी sir शेयर करने के लिए धन्यवाद
Very nice
Ek dum sahi sukriya