सर्दी जुकाम एक साधारण रोग होता है जिसका सीधा relation व्यक्ति की body के तापमान से होता है। आमतौर पर मौषम में परिवर्तन होने की वजह से इस समस्या का सामना करना पड़ता है। जब शरीर का तापमान ज्यादा हो और अचानक ठंडा हो जाये तो बॉडी के अंदर सर्द गर्म बन जाता है और व्यक्ति को जुकाम हो जाता है, जो कि एक बहुत मामूली सी प्रॉब्लम होती है। जब कोई व्यक्ति गर्मी के मौषम में कहीं बाहर धूप में चलता है तो उसे पसीना आता है और घर जाकर तुरंत ठंडा पानी पी लेता है तो उसे सर्दी जुकाम होना तय होता है।
इसके आलावा जब कोई व्यक्ति सर्दी के मौषम में दिन के समय रजाई में सोता है और रजाई में ही बैठकर पानी पी लेता है जिसकी वजह से शरीर के तापमान में अचानक परिवर्तन होने के कारन उसकी नाक से पानी बहना स्टार्ट हो जाता है, जिसे जुकाम कहा जाता है।
अक्सर देखा गया है कि इस तरह की लापरवाही की वजह से बच्चे सबसे ज्यादा इस साधारण रोग के शिकार होते हैं। जब वो बाहर से खेलकर आते हैं तो उस समय उनके शरीर का तापमान अधिक होता है और घर पर आकर ठंडा पानी पी लेते हैं जिसकी वजह से वो सर्दी जुकाम के शिकार हो जाते हैं।
कुछ रिसर्च में ये भी सामने आया है कि सर्दी जुकाम रोग की उत्पत्ति जीवाणुओं के संक्रमण से होती है। यदि कोई व्यक्ति पहले से इस रोग से ग्रसित है तो यदि कोई दूसरा व्यक्ति उसके कपड़े जैसे रुमाल, तौलिया उपयोग कर ले तो दूसरे व्यक्ति को भी जुकाम की समस्या होना लाजमी है।
इस रोग को भले ही रोगों की सामान्य श्रेणी में रखा गया हो लेकिन जिसको ये रोग हो जाता है उसे जबरदस्त परेशानी का सामना करना पड़ता है, रोगी को सिर दर्द भी होता है और नाक बंद हो जाने की वजह से उसे स्वाँस लेने में बहुत कठिनाई होती है।
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जब किसी को सर्दी जुकाम की समस्या होती है तो उसकी नाक से बार बार पानी निकलने लगता है जिसे साफ करते करते व्यक्ति की नाक की आंतरिक भाग छिल जाती है जिसकी वजह से उसे बार बार सफाई करने में असहनीय पीड़ा भी झेलनी पड़ती है। बार बार छींकें आने से रोगी बैचैन हो जाता है, उसके गले से साफ आवाज भी निकलना बंद हो जाती है।
जब जुकाम किसी आदमी के शरीर में कुछ दिन ठहर जाता है तो उसकी नाक से बहुत ही गाढ़ा पदार्थ निकलने लगता है और यदि ज्यादा लापरवाही से इस रोग को ठीक करने के लिए उचित कदम ना उठाये गए तो ये आगे चलकर उग्र रूप ले सकता है।
जब किसी व्यक्ति का सर्दी जुकाम बिगड़ जाये तो उसकी चेस्ट या छाती में कफ जमा हो जाता है और यदि ये छाती के अंदर कफ सूखकर चिपक गया तो खाँसी होने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यदि सर्दी जुकाम वाली खाँसी को जल्दी ठीक ना किया जाये तो यह एक बहुत ही विकराल रोग को आमंत्रित करती है जिसे टीबी कहा जाता है।
सर्दी जुकाम के लक्षण :
- यदि किसी व्यक्ति के गले में खुजली जैसा महसूस हो तो उसे समझ लेना चाहिए कि उसे बहुत जल्द सर्दी जुकाम की समस्या होने वाली है।
- यदि किसी व्यक्ति को शरीर में ऐंठन महसूस हों या बार बार अँगड़ाईंयां आने लगे तो उसे समझ लेना चाहिए उसे यह रोग होने वाला है।
- यदि किसी व्यक्ति की आवाज में थोड़ा बहुत भी परिवर्तन आ जाये तो उसे ये रोग आने वाले समय में हो सकता है।
- यदि किसी की नाक के अंदर सूखा सूखा सा महसूस हो या ज्यादा गीलापन महसूस हो तो उसे सर्दी जुकाम की प्रॉब्लम से बहुत जल्द सामना करना पड़ेगा।
- रोगी का गला ख़राब होने के साथ साथ उसके सिर में हल्का हल्का दर्द हो तो उसे जुकाम होने वाला है ऐसा समझ लेना चाहिए।
सर्दी जुकाम होने के कारण :
वैसे तो इस रोग के होने के बहुत से कारण होते हैं, लेकिन में यहाँ आपको कुछ ऐसे सामान्य कारणों के बारे में बता रहा हूँ जिनकी वजह से सबसे ज्यादा सर्दी जुकाम होता है –
- जब भी कोई व्यक्ति धूप में चलकर आता है और तुरंत ठंडा पानी पीता है तो उसे इस समस्या से ग्रसित होना पड़ सकता है।
- सर्दी के मौषम में अक्सर लोग रजाई या अन्य गर्म कपड़ों का उपयोग करते हैं लेकिन जब वो ज्यादा ठंडा पानी पीते हैं तो उनके शरीर का टेम्प्रेचर अचानक परिवर्तित हो जाता है जिसकी वजह सर्दी जुकाम उत्पन्न हो जाता है।
- जब कोई व्यक्ति मीठा खाकर तुरंत पानी का सेवन करता है तो उसे ये रोग हो जाता है।
- जब कोई पर्सन चाय या कॉफी का सेवन करता है और उसके तुरंत बाद पानी का सेवन कर लेता है तो उसे इस परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- जब कोई आदमी बर्षात के पानी में भीग जाता है और तेज हवा में रहता है तो उसे सर्दी जुकाम जैसी सामान्य सी बीमारी होना लाजमी होता है।
- यदि कोई व्यक्ति अत्यधिक सहवास या संभोग करता है तो उसे ये परेशानी हो सकती है।
- सर्द मौषम में बाइक पर ठंडी हवा लगने से भी इस रोग की उत्पत्ति हो सकती है।
- यदि कोई व्यक्ति सर्दी के मौषम में अत्यधिक ठंडे पानी से नहाता है तो उसे सर्दी जुकाम होने के चान्सेस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।
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सर्दी जुकाम की दवा :
यदि यह रोग स्टार्ट हो रहा हो तो इसकी रोकथाम के लिए कोई भी टेबलेट या अंग्रेजी दवा खाना सुविधाजनक नहीं होता इसलिए हमेशा जुकाम का आयुर्वेदिक इलाज ही करना बेहतर माना जाता है। इसलिए में यहाँ कुछ सर्दी जुकाम के घरेलू उपाय बता रहा हूँ जो इस रोग के लिए बहुत ही कारगर साबित हुए हैं –
[quote]एक गिलास गाय का दूध लीजिये और उसमें 4-5 केशर की पत्तियाँ मिला लीजिये अब इसे थोड़ा सा उबाल लीजिये इसके बाद रोगी को सेवन कराने से उसको जुकाम में काफी राहत मिलती है ऐसा दो तीन दिन तक लगातार सुबह शाम सेवन करने से सर्दी जुकाम पूरी तरह समाप्त हो जाता है।[/quote]
[quote]सितोपलादि चूर्ण एक चम्मच और आधा चम्मच शहद दोनों को मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से रोगी की सर्दी जुकाम और खाँसी की समस्या का निदान हो जाता है, इस औषधि का प्रयोग तीन चार दिन तक करना बहुत जरुरी है।[/quote]
[quote]थोड़े से तुलसी की पत्तियों को छाया में सुखा लीजिये और इन्हे अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लीजिये, अब इस चूर्ण को दिन में दो या तीन बार हथेली पर रखकर सूँघिये, रोगी का सर्दी जुकाम दो दिन में ही पूरी तरह ठीक हो जायेगा।[/quote]
[quote]थोड़ी सी अलसी के बीज लीजिये और उन्हें तवे पर भूनने के बाद पीसकर बारीक़ चूर्ण बना लीजिये, अब इस चूर्ण में थोड़ी सी मिश्री मिला लीजिये अब आधा आधा चम्मच हलके गर्म पानी से दिन में दो तीन बार सेवन कीजिये। इस चूर्ण का उपयोग दो तीन दिन तक करने से सर्दी जुकाम की समस्या से पूरी तरह निजात मिल जाएगी।[/quote]
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सर्दी जुकाम से पीड़ित मरीज के लिए सलाह :
यदि किसी व्यक्ति को ये प्रॉब्लम हो तो उसे ठंडे पानी का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए बल्कि प्यास लगने पर पानी को गर्म करने के बाद हल्का हल्का गुन गुना पानी ही पीना चाहिए। और यदि रोगी का सर्दी जुकाम काफी दिनों तक ठीक ना हो उपरोक्त उपचार करने पर भी तो किसी अच्छे डॉक्टर से जितना जल्दी हो परामर्श करें।
Very Helpful information
Thank you so much sir
Sir muche jukham bar bar hota
Hai aap khuch aisa medcine bataye jo market me uplabdh ho ilaj ke liye